Sant Ravidas Samrasta Yatra: अनुसूचित जाति वर्ग को साधने के लिए प्रदेश की बीजेपी सरकार द्वारा संत रविदास (Ravidas) समरसता यात्रा (Samarsata Yatra) का शुभारंभ हो चुका है. सीएम शिवराज (Shivraj Singh Chouhan) ने बुधवार को बैढ़न, सिंगरौली से संत रविदास समरसता यात्रा का शुभारंभ किया. उन्होंने संत रविदास का पूजन, दीप प्रज्ज्वलन और संत भैयालाल भगत, रमाशंकर दास, कन्हैया लाल, सेवादार रमाकांत दास, रामसजीवन दास और प्रेमदास का अंग वस्त्र, शॉल और श्रीफल से सम्मान किया. मुख्यमंत्री ने जल कलश और मृदा पात्र का भी पूजन किया.
इस दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा "संत रविदास भारतीय संत परंपरा के शिरोमणि थे. उन्होंने सामाजिक सद्भाव, समरसता और समानता का मंत्र दिया. उन्होंने जात-पात, छुआ-छूत और कुप्रथाओं का कड़ा विरोध किया. वो परोपकारी, दयालु और मृदुभाषी थे. वो चर्म शिल्पी थे और जो कमाते थे, उसको दीन-दुखियों में बांट देते थे. इस कारण पिता ने उन्हें घर से निकाल दिया था, लेकिन उनका जन्म भक्ति और परोपकार के लिए था. वो समरसता के अग्रदूत थे. उन्होंने भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों की रक्षा की."
102 करोड़ की लागत होगा मंदिर निर्माण
सीएम शिवराज ने कहा कि मैंने संत रविदास की जयंती पर आठ फरवरी को सागर में घोषणा की थी कि, वहां 102 करोड़ रुपये की लागत से संत रविदास का भव्य मंदिर और स्मारक बनाया जाएगा. जो समाज को शांति, सद्भाव और समरसता का संदेश देगा. समाज में संत रविदास के संदेश और जीवन मूल्यों के प्रति जागरूकता लाने के उद्देश्य से प्रदेश भर में समरसता यात्राएं निकाली जा रही हैं, जो 12 अगस्त को सागर पहुंचेंगी.
12 अगस्त को आएंगे पीएम मोदी
मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि संत रविदास के व्यक्तित्व और कृतित्व पर केंद्रित रथ प्रदेश के 46 जिलों और 53 हजार गांवों से होकर निकलेंगे, जिनमें हर गांव की मिट्टी और 315 नदियों का जल शिलान्यास स्थल पर ले जाया जाएगा. रथ में स्वामी रविदास की पादुका, चित्र और कलश होंगे, जिनका जगह-जगह पूजन किया जाएगा. रथ पर सामाजिक समरसता के संदेश उल्लेखित हैं. सीएम ने कहा कि 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सागर में संत रविदास के स्मारक का शिलान्यास करेंगे.
मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि यह भव्य स्मारक नागर शैली में बनाया जाएगा, जिसमें संत रविदास के दोहे और शिक्षाएं उकेरी जाएंगी. स्मारक में चार गैलरी होंगी. प्रथम गैलरी में संत रविदास का जीवन, दूसरी में इंटरप्रिटेशन सेंटर, तीसरी में उनका दर्शन, रविदासिया पंथ की शिक्षाएं, चौथी गैलरी में उनका काव्य, साहित्य लाइब्रेरी और संगत हॉल होगा. स्मारक के पास ही जलकुंड, भक्त निवास और भोजन शाला भी बनाई जाएगी.