Satpura National Park: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में बाघों की गणना का काम शुरु होने वाला है. यह काम 20 जनवरी से शुरु होगा. इसके लिए एसटीआर की 182 बीटों में एक हजार कैमरे लगाए जाएंगे. इन कैमरों में नाइट विजन कैमरे भी होंगे, ताकि रात के समय भी बाघ इन कैमरों में साफ तौर पर आ सके. यह काम दो महीने तक चलेगा. 


सतुपड़ा टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर एल कृष्णमूर्ति के अनुसार हर दो साल में एसटीआर में बाघों की गणना की जाती है. इस बार यह काम 20 जनवरी से शुरु कर दिया जाएगा. बाघों की गणना के कार्य में पूरे स्टॉफ को लगाया जा रहा है. बाघों की गणना के लिए सतपुड़ा टाइगर रिजर्व की 182 बीटों में एक हजार कैमरे लगाए जा रहे हैं. 


स्पेशल कैमरों से गणना


सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन के अनुसार एसटीआर में पेड़ों के तनों में कैमरे लगाए जाएंगे, जैसे ही टाइगर इन कैमरों के सामने से गुजरेगा वह इसमें कैद हो जाएगा. एसटीआर प्रबंधन के अनुसार इस बार बाघों की गणना के लिए एक हजार स्पेशल कैमरे लगाए जा रहे हैं. यह कैमरे रात के समय भी साफ तस्वीर ले सकेंगे. एसटीआर में बाघों को मूवमेंट रात के अंधेरे में अधिक होता है. ऐसे में बाघ जैसे ही कैमरों से सामने से निकलेगा, अंधेरा होने के बाद भी उसकी तस्वीर साफ आ सकेगी.


बनेगा डाटा बैंक


बाघों की गणना के लिए एसटीआर प्रबंधन डाटा बैंक बनाएगा. इसमें जिस कैमरे में बाघ नजर आएगा, उसकी जानकारी दर्ज की जाएगी. गणना पूरी होने के बाद बाघों की संख्या में निकाली जाएगी कि एसटीआर में कितने बाघ है.


बता दें कि मध्य प्रदेश के राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण जल्द ही सतपुड़ा में स्थित मढ़ाई और चूरना के रेस्ट हाउस को बंद करने जा रहा है. राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण यह निर्णय पर्यटकों द्वारा बाघों के आराम में खलल डालने पर ले रहा है. फिलहाल, मढ़ई रेस्ट हाउस के तीन और चूरना रेस्ट हाउस के चार कमरे बंद कर दिए गए हैं.


Video: सागर में ढहाई पूर्व बीजेपी नेता की चार मंजिला अवैध होटल, चुनावी रंजिश में जीप से कुचलकर की थी युवक की हत्या