Jabalpur High Court on MP Scholarship Scam:  मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) हाईकोर्ट (High Court) की सख्ती के बाद बहुचर्चित पैरामेडिकल छात्रवृत्ति घोटाले पर सरकार ने बड़ी कार्यवाही की है. बुधवार को हाई कोर्ट को सौंपी स्टेटस रिपोर्ट में शासन की ओर से कोर्ट को बताया गया कि अब तक घोटाले में शामिल 55 कालेजों से 7 करोड़ 87 लाख रुपये की वसूली कर ली गई है. आठ कॉलेजों पर कुर्की की कार्रवाई की गई है.


चीफ जस्टिस रवि मलिमठ और जस्टिस विशाल मिश्रा की खंडपीठ ने सरकार के जवाब को रिकॉर्ड पर लिया और कुर्की वाले मामलों में आगे की कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं. याचिका पर अगली सुनवाई समर वेकेशन के बाद होगी. दरअसल, इस मामले में सरकार की ओर से कोर्ट को बताया गया था कि घोटालेबाज पैरा मेडिकल कालेजों से 24 करोड़ रुपयेकी वसूली करनी थी.अभी भी 37 संस्थाओं से लगभग 16 करोड़ की वसूली शेष है.
 
100 से ज्यादा कॉलेज संचालकों पर हुई थी FIR
मध्य प्रदेश लॉ स्टूडेन्ट एसोसिएशन के अध्यक्ष अधिवक्ता विशाल बघेल ने जनहित याचिका दायर कर पैरा मेडिकल कालेजों के छात्रवृत्ति घोटाले पर कार्यवाही की मांग की थी. याचिकाकर्ता के मुताबिक साल 2010 से 2015 तक प्रदेश के सैकड़ों निजी पैरामेडिकल कॉलेज संचालकों ने फर्जी छात्रों का प्रवेश दिखाकर सरकार से करोड़ों रुपये की छात्रवृत्ति की राशि हड़प ली थी. इस मामले में शिकायतों के बाद जब जांच हुई तो पाया गया कि जिन छात्रों के नाम पर राशि ली गई थी, वो कभी एग्जाम में बैठे ही नहीं थे. इसके अलावा एक ही छात्र के नाम पर कई कॉलेजों में एक ही समय में छात्रवृत्ति निकाली गई थी. मामले में जांच के बाद प्रदेश भर में 100 से ज्यादा कॉलेज संचालकों पर एफआईआर दर्ज हुई थी.


50 फीसदी रकम जमा करें तभी स्टे मिलेगा
बुधवार को जबलपुर में हाईकोर्ट की मुख्य पीठ में इंदौर बेंच से ट्रांसफर होकर आए वसूली के मामलों में भी सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने कुल वसूली योग्य राशि में से 50 फीसदी राशि जमा करने की शर्त पर ही इंदौर के 8 मामलों में स्थगन जारी रखा. कोर्ट ने कहा कि यह राशि इंदौर कलेक्टर के पास जमा होगी, जो कि कॉलेजों की याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन होगी. छात्रवृत्ति घोटाले में शामिल इन 8 कालेजों ने पूर्व में वसूली पर स्थगन ले रखा था.


मामले पर सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से आपत्ति पेश की गई कि ग्वालियर संभाग से संबंधित मामलों और रिकवरी के स्टेटस का सरकार की रिपोर्ट में कोई उल्लेख नहीं है.कोर्ट ने ग्वालियर से संबंधित कॉलेजों की स्थिति से अवगत कराने के लिए सरकार को निर्देश दिए है.इस मामले की की सुनवाई अब समर वेकेशन के बाद होगी.


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