MP Corona Update: कोरोना से लड़ने के लिए इस अस्पताल में हर बेड होगा आईसीयू, जबलपुर में अब 260 इमरजेंसी बेड उपलब्ध
Jabalpur: जबलपुर में कोरोना के नए वैरिंयट के खतरे को देखते हुए तैयारी शुरू कर दी गई है. यहां के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक हजार से ज्यादा बिस्तर सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम से जोड़े जा चुके हैं.
MP Corona Update: समस्या चिंता से नहीं बल्कि समाधान से खत्म होती है.इसी ध्येय वाक्य को लेकर जबलपुर में कोरोना से निपटने की तैयारी की जा रही है.जबलपुर के डिस्ट्रिक्ट हॉस्पिटल और नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के साथ स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पलमोनरी मेडिसिन में भी कोरोना के मरीजों को भर्ती करने की तैयारी युद्ध स्तर पर शुरू कर दी गई है.
कोरोना संक्रमण के बढ़ते खतरे के मद्देनजर अस्पताल में मरीजों के इलाज की क्षमता बढ़ाने के लिए अब स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन के नए अस्पताल पर फोकस किया जा रहा है.60 बिस्तरों वाले इस अस्पताल के जुड़ जाने से संभाग के सबसे बड़े मेडिकल अस्पताल में आपातकालीन परिस्थितियों के लिए 260 बेड उपलब्ध होंगे.
कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार तैयार किया जा रहा अस्पताल
स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन के डायरेक्टर डॉ जितेंद्र भार्गव के मुताबिक, अस्पताल के हर वार्ड को कोविड प्रोटोकॉल के अनुसार तैयार किया जा रहा है.इनमें इंटेंसिव केयर यूनिट (आइसीयू)और अत्याधुनिक एडीयू वार्ड है.जरूरत पड़ने पर अस्पताल के हर बेड का उपयोग आइसीयू की तरह किया जा सकेगा.फिलहाल पल्मोनरी के एडवांस लेवल के लिए अस्पताल में 12 फैकल्टी हैं.डॉ भार्गव का कहना है कि आपातकालीन स्थिति में पल्मोनरी मेडिसिन एक्सीलेंस स्कूल के प्रत्येक बेड उपयोग आइसीयू की तरह किया जा सकेगा.पुराने और नए दोनों भवनों से 100 बेड का उपयोग किया जा सकेगा.
बता दें कि, कोरोना की पहली और दूसरी लहर के दौरान मेडिकल कॉलेज का सुपर स्पेशलिटी अस्पताल संभाग भर के गंभीर मरीजों के लिए बड़ा सहारा बना था.मरीजों के फेफड़ों में संक्रमण बढने और शरीर में ऑक्सीजन का स्तर कम होने पर निजी अस्पतालों में इलाज नहीं मिलने की स्थिति में उनका इलाज यहीं पर होता था.उस दौरान इस अस्पताल में मेडिकल अस्पताल के मेडिसिन विभाग का वही स्टाफ सेवाएं दे रहा था,जो वर्तमान स्कूल ऑफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन में सेवाएं दे रहा है.
मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक हजार से ज्यादा बिस्तर
जबलपुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में वर्तमान में एक हजार से ज्यादा बिस्तर सेंट्रल आक्सीजन सिस्टम से जोड़े जा चुके हैं. तीन नए संयंत्र स्थापित हो जाने के बाद मेडिकल कालेज अस्पताल परिसर स्थित उपचार की समस्त इकाईयां आक्सीजन के मामले में आत्मनिर्भर हो गई है.
हॉस्पिटल फैक्ट फाइल
- नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कालेज अस्पताल में 10 किलोलीटर क्षमता वाला 2 लिक्विड आक्सीजन प्लांट लगाया गया है.
- मेडिकल के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में 10 किलोलीटर क्षमता वाले लिक्विड प्लांट से आक्सीजन की आपूर्ति की जा रही है.
- -मेडिकल के स्कूल आफ एक्सीलेंस इन पल्मोनरी मेडिसिन अस्पताल में 13 किलोलीटर क्षमता का आक्सीजन प्लांट लगाया गया है.
- -मेडिकल के स्टेट कैंसर इंस्टीट्यूट में 15 सौ सिलिंडर क्षमता वाली एयर सेपरेशन यूनिट स्थापित की गई है.
- विक्टोरिया अस्पताल में आक्सीजन उत्पादन की दो एयर सेपरेशन यूनिट संचालित है.
- विक्टोरिया अस्पताल में ही लिक्विड आक्सीजन प्लांट लगाया गया है.
- मेडिकल कालेज अस्पताल में छोटे व बड़े मिलाकर 15 सौ से ज्यादा आक्सीजन सिलिंडर उपलब्ध हैं.
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