शिप्रा शुद्धिकरण पर आखिरी दांव! 598 करोड़ खर्च करेगी मोहन यादव सरकार, भूमि पूजन 16 जून को
Ujjain News: कान्ह डायवर्सन क्लोज डॉट परियोजना के लिए 598 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं, जिससे शिप्रा नदी में इंदौर से आने वाले कान्ह नदी के प्रदूषित पानी को रोका जा सकेगा.
MP Shipra River News: सीएम डॉ मोहन यादव ने शिप्रा शुद्धिकरण के लिए कान्ह डायवर्सन क्लोज डॉट परियोजना को स्वीकृति दे दी है. इस परियोजना पर सरकार 598 करोड़ रुपये खर्च करने जा रही है. मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव 16 जून को इस परियोजना का भूमि पूजन करेंगे.
मध्य प्रदेश में भले ही विधानसभा चुनाव हो या फिर लोकसभा चुनाव, सभी में शिप्रा शुद्धिकरण का मुद्दा प्रमुखता से उठता आया है. अब इस बार मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के नेतृत्व में सरकार शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर आखिरी दांव खेल रही है. शिप्रा शुद्धिकरण के लिए इंदौर से आने वाली कान्ह नदी का जल शिप्रा नदी में मिलने से रोका जाएगा.
पूरी तरह नहीं खत्म हो पाया शिप्रा नदी का प्रदूषण
इसके लिए कान्हा डायवर्सन क्लोज डॉट परियोजना बनाई गई है. इस परियोजना पर सरकार 598.66 करोड़ रुपये खर्च करेगी. इस परियोजना के जरिए 100 मीटर लंबाई में अप्रोच चैनल 28.650 किलोमीटर लंबाई और 4.5 मीटर के डी आकार की भूमिगत बॉक्स तथा अंतिम 100 मीटर में ओपन चैनल का निर्माण किया जाएगा. उमा भारती और शिवराज सरकार भी इससे पहले शिप्रा शुद्धिकरण को लेकर करोड़ों रुपये खर्च कर चुकी है मगर शिप्रा नदी का प्रदूषण पूरी तरह खत्म नहीं हो पाया.
कान्ह नदी से होता है शिप्रा में प्रदूषण
उज्जैन कलेक्टर नीरज कुमार सिंह ने बताया कि इंदौर तथा सांवेर से सीवेज युक्त जल कान्ह नदी के माध्यम से शिप्रा नदी में मिल रहा था, जिसे रोकने के लिए जमालपुर गांव में कान्हा नदी पर बैराज का निर्माण किया जाएगा. यहां पर क्लोज डॉट के माध्यम से जल को गंभीर नदी में गंभीर बांध की डाउन स्ट्रीम में डायवर्ट किया जाएगा.
42 महीने में तैयार हो जाएगी परियोजना
सिंहस्थ 2028 के पहले 42 महीने में परियोजना के निर्माण कार्य को पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है. इस परियोजना का संचालन और रखरखाव अगले 15 साल तक ठेका लेने वाली कंपनी करेगी.
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