MP News: मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा जयंती के मौके पर नर्मदा घाट से आज एक बड़ी घोषणा की है. सीएम शिवराज सिंह चौहान ने 'लाड़ली लक्ष्मी योजना' की तर्ज पर 'लाड़ली बहना योजना' की घोषणा की है. इस योजना के अंतर्गत प्रदेश की उनकी महिलाओं को प्रतिमाह एक हजार रुपए मिलेंगे, जो इनकम टैक्स के दायरे में नहीं आती हैं.
राज्य की 65 प्रतिशत महिलाओं को मिलेगा योजना का लाभ
जानकारी के अनुसार मध्य प्रदेश सरकार इनकम टैक्स के दायरे से बाहर आने वाली सभी महिलाओं को एक हजार रुपए महीना देगी. योजना का नाम लाड़ली बहना होगा. यह घोषणा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा जयंती उत्सव समारोह में की है. इस योजना का फायदा कुल महिलाओं की आबादी में से लगभग 65 फीसदी से अधिक महिलाओं को मिलेगा. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नर्मदा जयंती के मौके पर बुदनी नर्मदा तट पर जनता को संबोधित करते हुए कहा कि लाड़ली लक्ष्मी योजना की तर्ज पर अब प्रदेश की बहनों के लिए लाड़ली बहना योजना शुरु की जाएगी.
जाति का नहीं होगा बंधन
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा की गई लाड़ली बहना योजना में सबसे खास बात यह है कि इस योजना के आड़े जाति बंधन नहीं आएगा. इस योजना के तहत बहनों को एक हजार रुपए प्रतिमाह यानी साल भर में कुल 12 हजार रुपए मिलेंगे. उन्होंने कहा कि इनकम टैक्स नहीं जमा करने वाली महिलाएं ही इस योजना के लिए पात्र होंगी. मुख्यमंत्री चौहान ने बताया कि इस योजना में वर्ग जाति का बंधन नहीं होगा, सभी वर्ग जाति की महिलाओं को इसका लाभ मिलेगा.
बहनें मुझसे शिकायत करती थीं कि भाई कुछ नहीं कर रहा
लाड़ली बहना योजना की घोषणा करने से पहले प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि कई कार्यक्रमों के दौरान प्रदेश की बहनें अक्सर उनसे शिकायत करती थीं कि भैया मुख्यमंत्री होते हुए बहनों के लिए कुछ कर नहीं रहा. इसलिए अब यह भैया सभी गरीब बहनों के लिए लाड़ली बहना योजना शुरु कर रहा है. अब गरीब बहनों को चिंता करने की आवश्यकता नहीं है. मुख्यमंत्री की इस घोषणा से प्रदेश की गरीब महिलाओं को एक हजार रुपए प्रतिमाह उनके निजी खर्च के लिए प्राप्त होंगे. इससे कई गरीब महिलाओं को आर्थिक सहारा मिलेगा.
अलग अंदाज में नजर आए सीएम शिवराज
बता दें कि नर्मदा जयंती महोत्सव कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान अपने गृह ग्राम जैत में एक अलग अंदाज नजर आए. सीएम चौहान ने मंच से अपनी क्षेत्रीय भाषा में ही अपने गांव वालों को संबोधित किया. सीएम चौहान इते-उते कहते सुनाई दिए. उन्होंने कहा कि अपनी मछवाई भी है अपनी छिदवाई भी है, अपनी डोबी भी है, अपनी पिपरिया भी है. सबई है, एकई क्षेत्र के तो हैं, अपनी धरती है, कर्मभूमि है. साईकिल से घूमे. जई बक्तरा की धरती पर खूब अनशन किए. उन्होंने आगे कहा कि कोशिश यह है कि कोई कमी न रहने दी जाए. उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की इज्जत ही हमारा गौरव है.
सीएम ने कहा कि आज जो कुछ भी हूं इस जैत की माटी की कृपा से हूं, नर्मदा मैया की कृपा से हूं. लोगों को सीख देते हुए उन्होंने कहा कि जितने भी गांव वाले बड़े पदों पर पहुंच गए हैं, उन्हें अपने गांव जरुर आना चाहिए, गांव की तरक्की में हाथ बटाना चाहिए. जैत मेरे रोम-रोम में बसा है, जैत मेरी हर सांस में है. मैं तैरकर नर्मदा जी पार करता था. सीएम ने कहा कि साधना भी जैत की बहू है. उन्होंने कहा कि जब मैं जैत बोल रओ थो, सभी खुश हो रहे थे.
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