MP Nasrullaganj News Name: मध्य प्रदेश में शहरों का नाम बदलना कोई नई बात नहीं है, लेकिन मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) ने जब मंच से कहा कि नसरुल्ला गया और भेरूंदा आया तो कई लोग चौंक गए. दरअसल, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 100 साल पुराने इतिहास को दोहराते हुए एक बार फिर अपने विधानसभा क्षेत्र की सबसे महत्वपूर्ण तहसील नसरुल्लागंज का पुराना नाम भेरूंदा रखते हुए लोगों की मांग को पूरा किया. इस नामकरण के पीछे काफी रोचक कहानी है.
100 पहले बदला गया था नाम
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की विधानसभा बुधनी के अंतर्गत आने वाले (नसरुल्लागंज) भेरूंदा पहले भोपाल की रियासत में आता था. भोपाल की आखिरी महिला शासक सुल्तान जहां बेगम ने भेरूंदा का नाम बदलकर नसरुल्लागंज रखा था. सुल्तान जहां बेगम भोपाल की रियासत पर सन 1909 से 1926 तक शासन किया था. इसी दौरान कई स्थानों के नाम परिवर्तन भी हुए. दरअसल, सुल्तान जहां बेगम के बेटे का नाम मोहम्मद नसरुल्लाह खान था. जब बंटवारा हुआ तो मोहम्मद नसरुल्लाह खान को भेरूंदा का क्षेत्र मिला, जिसके बाद इसका नाम बदलकर नसरुल्लागंज रख दिया गया.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने नसरुल्लागंज के गौरव दिवस पर उसे पुराना नाम लौटा दिया. केंद्र सरकार की ओर से भी नाम को मंजूरी मिल गई. इसके बाद अब 100 साल बाद एक बार फिर भेरूंदा नाम दस्तावेजों में जीवित हो गया. यही वजह है कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने मंच से कहा कि नसरुल्ला गया और फिर से भेरूंदा आया. सुल्तान जहां बेगम के एक बेटे का नाम ओबेदुल्ला था, उसे रायसेन जिले की जागीर दी गई, जिसका नाम ओबैदुल्लागंज के नाम से जाना गया. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने लोगों की मांग पर उनसे पहले ही वादा कर लिया था कि नसरुल्लागंज का नाम बदला जाएगा. मुख्यमंत्री ने अपना वादा पूरा किया और तहसील को अपना पुराना नाम लौटा दिया.
नाम बदलने का सिलसिला लगातार जारी
शहर और स्थान के नाम बदलने का सिलसिला लगातार जारी है. पहले भोपाल के हबीबगंज रेलवे स्टेशन का नाम रानी कमलापति रखा जा चुका है. इसी तरह होशंगाबाद का नाम बदलकर नर्मदा पुरम कर दिया गया. नसरुल्लागंज का नाम बदलकर भेरूंदा हो चुका है. इससे पहले बाबई सिटी का नाम माखन नगर रखा जा चुका है. हालांकि नाम बदलने की सूची में अभी औबेदुल्लागंज, गोहरगंज, बेगमगंज सहित कई स्थान बाकी हैं. शिवराज सरकार ने संकेत दिए हैं कि निकट भविष्य में दूसरे स्थानों के नाम भी परिवर्तित किए जाएंगे.
ये भी पढ़ें: Pandit Pradeep Mishra: आखिर क्यों लगातार बढ़ रही पंडित प्रदीप मिश्रा की कथा में श्रद्धालुओं की भीड़? महिलाओं ने बताया