MP Chit Fund Companies: मध्य प्रदेश का सिंगरौली जिला पहले से ही चिटफंड कंपनियों का बड़ा गढ़ रहा है. साल 2018 में तत्कालीन कलेक्टर केवीएस चौधरी ने यहां चिटफंड कंपनियों का भांडाफोड़ कर उनके गोरखधंधे को खत्म कर दिया था. अब एक बार फिर चिटफंड कंपनियां नए सिरे से सिंगरौली-सोनभद्र अंचल को अपना ठिकाना बना रही हैं. यहां फिर से उनके निशाने पर भोली-भाली जनता है. ठगों ने लोगों की गाढ़ी कमाई की रकम को दोगुनी करने के नाम पर निवेश करा रहे हैं.


जिला प्रशासन सब कुछ जानने के बाद भी अनजान है. चिटफंड कंपनियों के कारोबार रोकने के बजाय उन्हें संरक्षण दे रही है. जिले के कोतवाली थाने से चंद कदम की दूरी पर LJCC नाम की इस कंपनी का पूरा नाम ही आप सुन लें तो समझ आ जाएगा कि कंपनी बनाने वालों के मंसूबे क्या रहे होंगे.


LJCC कंपनी का फुल फॉर्म नाम चौंकाने वाला


लास्टिनेस जनहित क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसायटी लिमिटेड नाम की कंपनी सिंगरौली जिले में चिटफंड का धंधा फैलाती रही. लोगों को पैसा दुगुना करने व कई अन्य प्रलोभन का झांसा देकर लोगों से निवेश करा रही है. यह चिटफंड कंपनी अब तक कई लोगों से करोड़ों रुपए निवेश करा चुकी है. कंपनी का मास्टरमाइंड अनुराग बंसल सिंगरौली में ही नहीं. मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल, सहित कई जिलों में और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र सहित अन्य जिलों में अपनी चिटफंड कंपनी चला रहा है. सभी जगहों पर लोगों को इसी प्रकार रकम दोगुनी किए जाने का झांसा देकर ठगा करने का काम कर रहा है. 


सिंगरौली जिले के कोतवाली पुलिस थाने के पास चल रही है फर्जी बैंक कंपनी


बड़ी हैरानी की बात यह है कि थाने से चंद कदम की दूरी पर चिटफंड कंपनी संचालित की जा रही है. बैढन गनियारी मार्ग पर स्थित स्टेट बैंक के पास को कंपनी ने अपना ठिकाना बनाया हुआ था. यह कारोबार कई सालों से चल रहा है लेकिन कोतवाली पुलिस और जिला प्रशासन इसके फर्जी कारोबार को बंद करा पाने में कोई दिलचस्पी नही दिखा रहा है. गौरतलब है कि चिटफंड कंपनियों के लिए मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के शहर मुफीद साबित हो रहे हैं. यहां आसानी से अपना अवैध कारोबार फैला रहे हैं. सीएम के सख्त आदेश के बाद भी जिला प्रशासन चिटफंड कंपनी के कारोबार पर रोक लगाने में नाकाम साबित हो रही है.


इस मामले में सिंगरौली अतरिक्त पुलिस अधीक्षक ने कहा कि मामले की जानकारी कोतवाली थाना प्रभारी को दी गई है, जांच कराकर कार्यवाही की जायेगी. लोगों को ऐसे किसी चिटफण्ड कंपनियों में निवेश करने से बचना चाहिए.


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