Madhya Pradesh News: सिंगरौली से प्रयागराज तक जाने वाली नेशनल हाईवे निर्माण में मुआवजे के लालच में बने अवैध घरों को लेकर प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है. प्रशासन का कहना है कि जियो टैगिंग से मुआवजे वाले घर चिन्हित किए गए हैं. प्रशासन का साफ कहना है कि हाईवे निर्माण की राह में जो भी अवैध घर आएगा, उसे तोड़ दिया जाएगा. 


सिंगरौली-प्रयागराज नेशनल हाईवे का जहां से मार्ग निकलना है, वहां लोगों ने मुआवजे के लालच में घर बना लिए हैं. खेत के बजाए मकानों पर अधिक मुआवजा मिलता है, इस वजह से अफसरों ने भी इस जगह अधूरे मकान बना लिए हैं. लोगों ने एक ईट की दीवार के ऊपर टीन की चादरें डाली हुई है. यहां करीब 2000 से ज्यादा घर बन गए हैं. एक-एक व्यक्ति के पास 10 से 20 मकान तक हैं. इन अवैध मकानों को लेकर अब प्रशासन एक्शन मोड में आ गया है.


जियो टैगिंग से चिन्हित किए घर


मामला सामने आने के बाद अब प्रशासन ने 3ए की अधिसूचना के तहत जियो टैगिंग के जरिए इन मकानों के फोटो ले लिए हैं. पंचनामा बनाकर पूरा विवरण भरा गया है. ऐसे सभी घरों को अपात्र कर दिया गया है. दुधमनिया के खसरा क्रमांक 1257 में हुए निर्माण को नया बताकर लिस्ट से बाहर कर दिया. प्रशासन ने चितरंगी और दुधमनिया के गांवों की जमीन पर बने घर अपात्र घोषित कर दिए हैं. 


सभी को दिया जाएगा नोटिस - एसडीएम जाधव


सुरेश जाधव एसडीएम का कहना है कि सर्वे में केवल 500 घर ही आ रहे थे. सर्वे के बाद मुआवजे के लालच में बने अवैध घरों के मालिक को प्रशासन अब नोटिस देगा. इसके बावजूद अगर घर नहीं हटाए गए तो प्रशासन हाईवे निर्माण में आने वाले इन घरों को गिरा देगा. 


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