Madhya Pradesh Siyasi Scan: मध्य प्रदेश में इस साल चुनाव होना है. ऐसे में अब यहां राजनीति से जुड़े किस्से निकलकर बाहर आ रहे हैं. ऐसा ही एक किस्सा दिग्विजय सिंह (Digvijaya Singh) का है. जब मध्य प्रदेश कांग्रेस (Congress) सरकार गिर रही थी तो वो विधायकों को मनाने बेंगलुरु पहुंचे थे. इस घटनाक्रम को पूरे तीन साल हो गए हैं.
शनिवार के दिन 18 मार्च 2020 को दिग्विजय सिंह अपने आठ मंत्री और तीन विधायकों के साथ कांग्रेस के ही सिंधिया समर्थक विधायकों को मनाने के लिए बेंगलुरु जा पहुंचे थे. दिग्विजय सिंह द्वारा किए गए काफी प्रयासों के बाद भी बेंगलुरु प्रशासन ने उन्हें और उनके साथ गए आठ मंत्री और तीन विधायकों को सिंधिया समर्थक विधायकों से मिलने नहीं दिया था.
सत्ता परिवर्तन में था अहम रोल
मध्य प्रदेश की सत्ता में 15 साल से जमीन जकड़े भाजपा की शिवराज सिंह चौहान सरकार को हटाकर साल 2018 में कांग्रेस की कमलनाथ सरकार सत्ता में आई थी. सत्ता परिवर्तन में कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह का अहम रोल था. दिग्विजय सिंह द्वारा की गई 3300 किलोमीटर की नर्मदा परिक्रमा और बेहतर रणनीति की बदौलत मध्य प्रदेश की सत्ता में कांग्रेस विराजमान हो सकी थी. हालांकि कांग्रेस की कमलनाथ सरकार महज डेढ़ ही सत्ता का सुख भोग सकी. भाजपा की बेहतर रणनीति की बदौलत कांग्रेस अपने ही विधायकों के हाथों हिट विकेट हो गई थी. इसके बाद प्रदेश की सत्ता में शिवराज सिंह चौहान सरकार दोबारा आ गई थी.
तीन साल पहले बेंगलुरु की वो सुबह
तीन साल पहले 18 मार्च 2020 को मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के कद्दावर नेता दिग्विजय सिंह आठ मंत्री और तीन विधायकों के साथ तडके सुबह चार बजे विशेष विमान से बेंगलुरु पहुंच गए थे. एयरपोर्ट से निकलकर दिग्विजय सिंह सीधे रमादा रिजॉर्ट के बाहर पहुंच गए थे. इसी रिजॉर्ट में कांग्रेस के सिंधिया समर्थक विधायक डेरा डाले हुए थे. रमादा रिजॉर्ट में दिग्विजय सिंह अपने साथियों के साथ अंदर जाने की कोशिश कर रहे थे, लेकिन बेंगलुरु प्रशासन ने उन्हें अंदर जाने की इजाजत नहीं दी. दिग्विजय सिंह अंदर जाने के लिए काफी जद्दोजहद करते नजर आए, लेकिन वो असफल साबित हुए थे.
बैठ गए थे धरने पर हो गए थे गिरफ्तार
इसके बाद विधायकों से मिलने की परमिशन नहीं मिलने पर दिग्विजय सिंह रमादा रिजॉर्ट के बाहर ही धरने पर बैठ गए थे. धरने पर बैठे दिग्विजय सिंह को बेंगलुरु पुलिस ने हिरासत में ले लिया था. दिग्विजय सिंह और साथी नेताओं को बेंगलुरु से अमृतहल्ली पुलिस स्टेशन ले जाया गया था, जहां उन्होंने भूख हड़ताल शुरु कर दी थी. दिग्विजय सिंह ने मीडिया से बात करते हुए बताया था कि मैं मध्य प्रदेश से राज्यसभा का उम्मीदवार हूं. 26 मार्च को मतदान होना है. मेरे 22 विधायक यहां रोके गए हैं. वो लोग मुझसे बात करना चाहते हैं. उनके फोन छीन लिए गए हैं. पुलिस वाले मुझे उनसे बात भी नहीं करने दे रहे हैं. कहते हैं कि उनकी सुरक्षा को खतरा है. इसके बाद दिग्विजय सिंह बिना विधायकों के ही वापस आ गए थे और प्रदेश में भाजपा की सरकार बन गई थी .
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