जंगल के सबसे तेज और शानदार शिकारी चीता को नामीबिया से भारत लाने के लिए एक विशेष विमान तैयार किया गया है. चीता की करीब 8 हजार किलोमीटर की हवाई यात्रा का इंतेजाम किसी वीवीआइपी (VVIP) की तरह किया गया है. इसके लिए चीता कंजर्वेशन फंड (CCF) द्वारा एक विशेष डबल डेकर बोइंग 747-400 विमान की व्यवस्था की गई है, जिसमें इकोनॉमी क्लास की पैसेंजर सीट हटाकर चीतों के लिए स्पेशल क्रेट बनाया गया है. इसी विमान से चीता की देखभाल के लिए विशेषज्ञों की टीम भी भारत आएगी.


नामीबिया से चीतों को भारत लाने के लिए चीता कंजर्वेशन फंड (CCF) नव एक विशेष उड़ान की व्यवस्था की गई है. बोइंग 747-400 विमान से सभी इकॉनमी क्लास की सीटों को हटा दिया गया है. अंतिम समय में किसी प्रकार की गड़बड़ी से बचने के लिए विशेष बोइंग विमान का डेमो टेस्ट भी किया गया. 


 


डेमो के दौरान वेन्टीलेटेड बॉक्स जिसमें चीता को रखा जाएगा, विमान में चढ़ाकर देखा गया. चीतों को लाने वाली विमानन कंपनी एक्शन एविएशन के अध्यक्ष हामिश हार्डिंग ने एक वीडियो के माध्यम से इसकी खासियत के बारे में बताया और कहा कि विमान में अतिरिक्त टायर भी रखे गए है. उन्होंने चीतों को लाने के लिए तैयार विमान के अंदर की सबसे पहले तस्वीरों को भी जारी किया है. हार्डिंग ने कहा कि चूंकि चीतों की अगवानी भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी करने वाले है, इसलिए सभी तरह की सावधानियां रखी जा रही है. फिलहाल, 8 चीते नामीबिया से भारत आ रहे है, जिसमें 5 फीमेल और 3 मेल शामिल हैं.






17 सितंबर को अपने जन्मदिन पर पीएम नरेंद्र मोदी इन्हें मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में खुली आबोहवा में छोड़ेंगे. नामीबिया से 8 चीता अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुसार बोईंग विमान में तैयार क्रेट में लाए जाएंगे और सीधा जयपुर पहुंचेंगे.इसमें करीब 11-12 घंटे का वक्त लगेगा. 


फिर जयपुर से इंडियन एयरफ़ोर्स के हेलीकॉप्टर के जरिए इन्हें मध्य प्रदेश के कूनो नेशनल पार्क ले जाया जाएगा. यहां पर नया हेलीपैड भी तैयार किया गया है. यहां ये 17 तारीख की सुबह ही यहां पहुंचेंगे.


यह विमान चीतों को लेने के लिए नामीबिया पहुंच चुका है. नामीबिया में भारतीय दूतावास ने इस विमान की तस्वीर भी ट्वीट की है. बताया जाता है कि नामीबिया से विशेष बाक्स में बंद करके चीते लाए जाएंगे. एक बाक्स में एक चीता रहेगा,जिनमें रोशनी और हवा जाने आने के लिए रोशनदान दखा जाएगा.


बाक्स में शिफ्ट करते हुए चीतों को एनस्थीसिया देकर बेहोश किया जा सकता है लेकिन वे आधा से एक घंटे में होश में आ जाएंगे और फिर उन्हें बेहोश नहीं किया जाएगा. मीडिया से चर्चा में मध्य प्रदेश के प्रधान मुख्य वन संरक्षक (वन्यजीव) जेएस चौहान ने बताया कि नामीबिया से उड़ान भरने के बाद सीधा कूनो-पालपुर राष्ट्रीय उद्यान में चीतों को खाना दिया जाएगा. यहां वे जयपुर से एक घंटे की यात्रा के बाद पहुंचेंगे. चौहान ने बताया कि एहतियात के तौर पर, यह अनिवार्य होता है कि यात्रा के समय एक जानवर को खाली पेट होना चाहिए. 


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