MP News: मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने 27 प्रतिशत आरक्षण को लेकर दायर की गई याचिका को खारिज कर दिया है. जिसके बाद अब प्रदेश में अन्य पिछड़ा वर्ग के शेष 13 प्रतिशत अभ्यार्थियों की नियुक्ति का रास्ता साफ हो गया है. बता दें कि कर्मचारी चयन मंडल आयोग के द्वारा समूह-3, उपयंत्री, मान चित्रकार, समयपाल, एवं समकक्ष पदों की सीधी एवं बैकलॉग भर्ती के लिए संयुक्त परीक्षा 2022 में आयोजित की गई थी. 


जबलपुल हाईकोर्ट ने खारिज की याचिका
कर्मचारी चयन आयोग ने इस भर्ती परीक्षा का परिणाम अन्य पिछड़ा वर्ग के अभ्यार्थियों को 27 प्रतिशत आरक्षण का लाभ देते हुए घोषित किया था. परीक्षा परिणाम में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण को लेकर हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए जबलपुल हाईकोर्ट ने इसे खारिज कर दिया. वहीं न्यायालीन प्रकरण को ध्यान में रखते हुए कर्मचारी चयन मंडल की तरफ से 87 प्रतिशत रिक्त पदों पर नियुक्ति के आदेश पहले ही जारी कर दिए गए थे. जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग के 14 प्रतिशत आरक्षण के आधार पर अभ्यार्थियों के नियुक्ति के आदेश जारी हुए थे. वहीं, 13 प्रतिशत अभ्यर्थियों को नियुक्ति पर रोक लगा दी गई थी. 


13 प्रतिशत अभ्यार्थियों की नियुक्ति रास्ता साफ 
वहीं अब हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद अन्य पिछड़ा वर्ग के बाकि बचे 13 प्रतिशत अभ्यार्थियों के नियुक्ति का मार्ग खुल गया है. अभ्यार्थियों को लंबे समय से फैसले का इंतजार था. कोर्ट के फैसले के बाद अभ्यार्थियों में खुशी की लहर है.


हाईकोर्ट ने सिविल जजों की नियुक्ति पर लगाई रोक
वहीं मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की तरफ से अस्थायी रूप से सिविल जजों की नियुक्ति प्रक्रिया पर रोक लगाई है. हाईकोर्ट ने सिविल जज भर्ती परीक्षा 2023 का परीक्षा परिणाम निरस्त कर दिया है. परीक्षा परिणाम को फिर से जारी करने का आदेश दिया गया है. इसके साथ ही मेन्स एग्जाम फिर से कराने का आदेश भी दिया है.


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