MP Foundation Day Special: 'सुख का दाता सब का साथी, शुभ का यह संदेश है. मां की गोद पिता का आश्रय मेरा मध्य प्रदेश है.' मध्य प्रदेश के हर शख्स की जुबां पर गुनगुनाने वाला गान महज दो घंटे में तैयार हो गया था. गान के रचयिता और वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव ने अनुभव साझा किया. उन्होंने बताया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान को पहली बार में गाना भा गया था. सरकार ने सबसे पहले गाने को लिखवाने के लिए विज्ञापन जारी किया था. विज्ञापन के जरिए कई लोगों ने मध्य प्रदेश गान लिखकर भेजे. लेकिन मध्य प्रदेश की सरकार को पसंद नहीं आया.


मध्य प्रदेश गान लिखने के पीछे है रोचक कहानी


अंत में सीएम शिवराज सिंह चौहान ने वरिष्ठ पत्रकार महेश श्रीवास्तव को मध्य प्रदेश गान लिखने के लिए चुना. तत्कालीन संस्कृति मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा ने पत्रकार महेश श्रीवास्तव को फोन लगाकर मध्य प्रदेश गान लिखने के लिए कहा. महेश श्रीवास्तव गाना लिखने को लिए तैयार हो गए. उन्होंने महज दो घंटे के अंदर गान तैयार कर दिया. मध्य प्रदेश गान को सीएम शिवराज सिंह चौहान के सामने रखा गया. उन्होंने एक ही बार में गाना को पसंद कर लिया. मध्य प्रदेश गान लिखने में क्या दुश्वारी आई?


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पहली बार में सीएम शिवराज को भाया था गान 


महेश श्रीवास्तव बताते हैं कि मध्य प्रदेश के हर कोने से वाकिफ होने के कारण गाने को लिखने में ज्यादा परेशान नहीं आई. पत्रकार श्रीवास्तव ने बताया कि सीएम शिवराज सिंह चौहान को गाना पहली बार में इसलिए पसंद आ गया कि पहली लाइन में सुख का दाता, सबका साथी, शुभ का यह संदेश है, मां की गोद पिता का आश्रय मेरा मध्य प्रदेश है सबसे ज्यादा पसंद आई. सीएम ने श्रीवास्तव से कहा कि मां की गोद का आश्रय मेरा मध्य प्रदेश है लाइन पूरी गाथा की व्याख्या करती है. सीएम शिवराज सिंह चौहान चाहते थे कि मध्य प्रदेश गान में एकरूपता आए और उनकी मंशानुरूप गाना लिख दिया.