MP News: मध्य प्रदेश में लोकायुक्त पुलिस रोज कार्रवाई कर रही है, बावजूद इसके पुलिस विभाग के कर्मचारी और अधिकारी ही लोकायुक्त पुलिस की पकड़ में आ रहे हैं. आगर मालवा जिले में लोकायुक्त पुलिस ने कार्रवाई करते हुए ₹5000 की रिश्वत लेते उपनिरीक्षक को पकड़ लिया. उसने लड़की बरामद करने के नाम पर ₹29 हजार की रिश्वत मांगी थी.
लोकायुक्त पुलिस अधीक्षक राजेश पाठक ने बताया कि आगर जिले के नलखेड़ा में रहने वाले प्रेमचंद पिता रघुनाथ की 16 वर्षी पुत्री लापता हो गई थी. इस मामले में उनके द्वारा पुलिस थाना नलखेड़ा में गुमशुदगी दर्ज कराई थी. आगर पुलिस की जांच के दौरान पता चला कि लड़की मुंबई में है.
इसके बाद पुलिस का एक दल 27 नवंबर 2024 को मुंबई से लड़की को लेकर आया और परिवार वालों को उसके सुपुर्द कर दिया. इस मामले में लड़की को अगुवा करने वाले अरुण मालवीय की पुलिस को तलाश है. अभी उसकी गिरफ्तारी नहीं हुई है. नलखेड़ा थाने के उप निरीक्षक नानूराम बघेल द्वारा पीड़ित परिवार से लड़की को लाने के खर्च के रूप में 29 हजार की डिमांड की जा रही थी.
उप निरीक्षक ने पीड़ित परिवार को बताया कि19 हजार रुपये गाड़ी का खर्च आया है और रास्ते का खर्च अलग ₹10 हजार हुआ है. इस प्रकार उनके द्वारा 29,000 की डिमांड की जा रही थी. लोकायुक्त पुलिस ने शिकायत का सत्यापन किया तो शिकायत सही मिली. इसके बाद लोकायुक्त डीएसपी सुनील तालान ने जाल बिछाकर ₹5000 की पहली किस्त लेते हुए उप निरीक्षक नानूराम बघेल को पकड़ लिया.
उप निरीक्षक बोला- पहले ही बात हो गई थी
उप निरीक्षक नानूराम बघेल का कहना था कि पहले ही या बात हो गई थी कि लड़की को बरामद करने के लिए गाड़ी और अन्य खर्च पीड़ित परिवार द्वारा उठाया जाएगा. उपनिरीक्षक लड़की को बरामद करने के लिए निजी वाहन से मुंबई गए थे. लोकायुक्त पुलिस ने आप निरीक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है.