Chhattarpur News: मध्य प्रदेश के छतरपुर में जिला पंचायत की सीईओ को एक निलंबित शिक्षक ने रिश्वत देने का प्रयास किया. शिक्षक के खिलाफ पुलिस में एफआईआर भी दर्ज कराई गई है. कोतवाली पुलिस ने इस मामले में शिक्षक के खिलाफ जिला पंचायत सीईओ के प्रतिवेदन पर भ्रष्टाचार अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया है.


दरअसल, मंगलवार (30 जनवरी) की शाम को छतरपुर के जिला पंचायत दफ्तर में उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया, जब एक निलंबित शिक्षक विशाल अस्थाना ने बहाल करने के एवज में जिला पंचायत की सीईओ तपस्या परिहार (आईएएस) को रिश्वत की पेशकश कर डाली. शिक्षक की हरकत से अचंभित सीईओ तपस्या परिहार ने उसे तुरंत पुलिस के हवाले कर दिया. इसके बाद कोतवाली पुलिस ने शिक्षक पर भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धाराओं में मामला दर्ज किया है.


बहाली के सीईओ को 50 हजार की पेशकश
जिला पंचायत की सीईओ तपस्या परिहार के मुताबिक, चुनाव ड्यूटी से गायब होने पर शिक्षक विशाल अस्थाना को निलंबित किया गया था. मंगलवार (30 जनवरी) को शिक्षक उनके चैंबर में आया और पैकेट से 50 हजार निकाल कर निलंबन बहाली के लिए रिश्वत की पेशकश की. इसके बाद उसे पुलिस के हवाले कर दिया गया. इस मामले में रिश्वत देने की वीडियो साक्ष्य के रुप में सुरक्षित है.


आरोपी दो बार हो चुका है निलंबित
वहीं, कोतवाली पुलिस ने जिला पंचायत की सीईओ के प्रतिवेदन पर बाद में शिक्षक के खिलाफ भ्रष्टाचार अधिनियम 1988 के तहत मामला दर्ज किया गया है. सहायक संचालक आरपी प्रजापति के मुताबिक, शिक्षक विशाल अस्थाना सटई संकुल की कुपिया माध्यमिक शाला में पदस्थ था. चुनाव ड्यूटी में लापरवाही बरतने पर निलंबित हुआ था. इसके पूर्व भी उसे दो बार निलंबित किया जा चुका है. हालांकि, शिक्षक मानसिक तनाव की बीमारी का शिकार भी है, जिसका इलाज चल रहा है. उधर,शिक्षक विशाल अस्थाना का कहना था कि वह अवकाश पर था, फिर भी उसे निलंबित कर दिया, जो गलत है.


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