Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में व्यापारियों की जेब काटकर सब्जी मंडी में जमकर टैक्स चोरी की जा रही है. उज्जैन (Ujjain) की कृषि उपज मंडी और सब्जी मंडी में 85 कर्मचारी पदस्थ हैं लेकिन कर्मचारी खुद खुलेआम टैक्स चोरी कर रहे हैं. खास बात यह है कि सहायक उपनिरीक्षक द्वारा टैक्स की वसूली की जानी होती है, मगर या वसूली चौकीदार और चपरासी द्वारा की जा रही है. इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद अब अधिकारियों द्वारा सफाई दी जा रही है. 


उज्जैन की सब्जी मंडी में प्रतिदिन सैकड़ों की संख्या में व्यापारियों द्वारा सब्जियों की खरीद-फरोख्त की जाती है. सब्जी मंडी के नियम अनुसार व्यापारी को सब्जी की खरीद-फरोख्त का 1.5% प्रतिशत टैक्स देना होता है, मगर मंडी में जमकर अवैध वसूली चल रही है. मंडी के गेट पर चपरासी और चौकीदार टैक्स के नाम पर वसूली कर रहे हैं, जबकि टैक्स वसूली का दायित्व सहायक उपनिरीक्षक रैंक के अधिकारी के पास होता है. सब्जी मंडी में आने-जाने के दो गेट है. दोनों ही गेट पर बिना रसीद के राशि वसूल की जाती है. इस बात की पुष्टि यहां आने वाले व्यापारी भी करते हैं. 10 साल से सब्जी मंडी में आ रहे फुटकर व्यापारी राम प्रसाद ने बताया कि रोज 10 से 20 रुपये लिए जाते हैं लेकिन रसीद नहीं दी जाती है.





 सहायक उपनिरीक्षक भी अटैचमेंट पर
नलखेड़ा मंडी में पदस्थ सहायक उप निरीक्षक नरेश तिवारी को कुछ समय पहले पारिवारिक कारणों के चलते गेहूं की खरीदी के लिए उज्जैन की मंडी में अटैच किया था. वह वर्तमान में सब्जी मंडी में व्यापारियों से टैक्स की वसूली कर रहे हैं. उप निरीक्षक नरेश तिवारी ने बताया कि प्रतिदिन 50 से 60 रसीदें काटी जाती है. इसके ठीक विपरीत मंडी में बड़ी संख्या में प्रतिदिन व्यापारी आते हैं. यहां पर प्रतिदिन लाखों रुपये का व्यापार होता है, जबकि 10 रुपये की रसीद के माध्यम से 500 से 600 रुपये की वसूली ही जा रही है. 


सचिव मने कहा सब्जी मंडी में सब कुछ चल रहा है ठीक
कृषि उपज मंडी के सचिव उमेश शर्मा बसेड़िया के मुताबिक सब्जी मंडी में आड़तियों और व्यापारियों से टैक्स की वसूली लगातार जारी है. आलू, प्याज और लहसुन का अनुज्ञा के आधार पर टैक्स वसूला जाता है जबकि हरी सब्जियों का टैक्स भी व्यापारियों के लाइसेंस के आधार पर सही तरीके से वसूला जा रहा है. अभी टैक्स चोरी की कोई शिकायत नहीं है. कृषि उपज मंडी के अधीन सब्जी मंडी आती है जबकि शहर में और दूसरी मंडियां नगर निगम के अधीन आती है. पूरी कृषि उपज मंडी में 85 कर्मचारी पदस्थ हैं. 


20,000 से ज्यादा की टैक्स चोरी प्रतिदिन
व्यापारी के मुताबिक प्रतिदिन लगभग 20 हजार की टैक्स चोरी हो रही है. कृषि उपज मंडी की आमदनी साल में 22 करोड़ से ज्यादा है. ऐसे में लगभग वर्ष भर में 10 लाख रुपये की टैक्स चोरी की जा रही है. मंडी अधिकारियों के मुताबिक सब्जी मंडी की टैक्स वसूली के लिए 4 सहायक निरीक्षक को पदस्थ किया गया है.  इसके अलावा चौकीदार और चपरासी मिलाकर 9 लोग टैक्स वसूली का काम करते हैं. 



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