Indore Temple Tragedy: इंदौर के श्री बेलेश्वर महादेव झूलेलाल मंदिर (Beleshwar Mahadev Jhulelal Temple) में बावड़ी की छत धंस जाने के हादसे के बाद आज नगर निगम हरकत में आ गया. सोमवार को नगर निगम (Indore Municipal Corporation) की ओर से मंदिर में अवैध निर्माण को गिराने के लिए पांच से अधिक बुलडोजर चलाए गए. चार थानों के कर्मियों की देखरेख में पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. इस दौरान उप नगर आयुक्त, जिलाधिकारी सहित अन्य अधिकारी भी मौजूद रहे.


जानकारी के मुताबिक मंदिर का जो हिस्सा धंस गया वह अवैध था. इस मामले में लोगों ने इंदौर नगर निगम से शिकायत की थी, जिसके बाद नगर निगम ने बावड़ी के इस हिस्से को अतिक्रमण के लिए चिन्हित किया था. लेकिन मंदिर ट्रस्ट (Temple Trust) की ओर से धार्मिक भावनाओं को आहत करने की चेतावनी दी गई जिसके बाद नगर निगम ने कोई कदम नहीं बढ़ाया. अब लोगों का आरोप है कि अगर उस समय उनकी शिकायत पर ध्यान दिया गया होता तो शायद इतने लोगों की जान नहीं जाती. ऐसे में पुलिस ने मंदिर ट्रस्ट और नगर निगम के दो अधिकारियों पर कार्रवाई की है.



नगर निगम के दो अधिकारी निलंबित
दरअसल रामनवमी पर धंसी बावड़ी 200 साल पुरानी थी जो कि चार लोहे के गर्डरों, कंक्रीट की एक पतली परत और टाइलों से ढकी हुई थी. यह इतनी जर्जर थी कि जब लोग रामनवमी पर पूजा करने के लिए इकट्ठा हुए तो भार न उठा सकी और बावड़ी की छत धंस गई. इस हादसे में 36 लोगों की मौत हो गई और कई लोग गंभीर रूप से घायल हो गए. वहीं अवैध निर्माण को लेकर पुलिस ने मंदिर ट्रस्ट के दो पदाधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. इसके साथ ही अवैध निर्माण न हटाने के चलते नगर निगम के दो अधिकारियों को निलंबित भी कर दिया गया है.


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