Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की स्मार्ट सिटी उज्जैन (Ujjain) में कैमरों से ट्रैफिक की मॉनिटरिंग होने के बाद यातायात व्यवस्था में काफी सुधार देखने को मिल रहा है. जहां पहले प्रतिदिन लगभग आठ सौ चालान होते थे, वहीं अब संख्या घटकर 400 पर आ गई है. मतलब साफ है कि कैमरे और ई-चालान के डर से लोग यातायात (Traffic) के नियमों का पालन करने लगे हैं. मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में हर साल 20 हजार से ज्यादा लोगों की सड़क दुर्घटना में मौत होती है. इसकी सबसे बड़ी वजह यातायात नियमों का उल्लंघन करना है.


उज्जैन में लगाए गए 316 कैमरे
वहीं जबसे स्मार्ट सिटी उज्जैन में प्रमुख चौराहों पर कैमरों की निगरानी से यातायात के नियमों का पालन कराया जा रहा है, तबसे व्यवस्था में थोड़ा सुधार आया है. स्मार्ट सिटी के अधिकारी सचिन जैन ने बताया कि शहर के 16 प्रमुख चौराहों पर कैमरों से यातायात की मॉनिटरिंग की जा रही है. उन्होंने बताया कि उज्जैन में 316 कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी मदद से नियमों का पालन कराया जा रहा है. स्मार्ट सिटी के कंट्रोल रूम में यातायात पुलिसकर्मियों की देखरेख में ही चालान बनाए जाते हैं. यहां पर मोटर व्हीकल एक्ट की धाराओं में 500 रुपये से चालान की शुरुआत होती है. सचिन जैन ने बताया कि कैमरे की मॉनिटरिंग के कारण लोग अब उन चौराहों पर भी रेड लाइट का पालन कर रहे हैं, जहां पर पुलिसकर्मी तैनात नहीं होते हैं. 


कैमरों से यातायात के नियमों का पालन कराने में मिली मदद
यात्रा डीएसपी सुरेंद्र सिंह ने बताया कि कैमरों की मदद से यातायात के नियमों का पालन कराने में काफी मदद मिली है. जब वाहन चालक को चालान भेजा जाता है. ई-चालान के माध्यम से प्रतिदिन 400 से 500 चालान बनाए जाते हैं. यह चालान लोगों के घरों पर भेजा जाता है. ई-चालान की वजह से वाहन चालकों ने रेड लाइट जंप करना बंद कर दिया है. इससे दुर्घटनाओं में भी थोड़ा असर पड़ा है. 



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