MP Tiger News: ढाई साल बाद बाघिन लौटी पुराने घर, सतपुड़ा के जंगल में गुर्राने पर हुई पहचान
MP Tiger Reserve News: सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से दो साल पहले एक बाघिन 320 किमी दूर महाराष्ट्र के अमरावती मेलघाट टाइगर रिजर्व पहुंच गई थी. इस बाघिन ने मेलघाट टाइगर रिजर्व को अपना ठिकाना बना लिया है.
MP Satpura Tiger Reserve: मध्य प्रदेश के जंगल से असली टाइगर रिटर्न की कहानी सामने आई है. नर्मदापुरम जिले के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से ढाई साल से लापता बाघिन (Female Tiger) घर लौट आई है. इससे पूरा जंगल महकमा खुश और उत्साहित है. ढाई वर्षों की लापता बाघिन के अचानक जंगल में वापस आने की खबर सतपुड़ा टाइगर रिजर्व प्रबंधन (Satpura Tiger Reserve) ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर दी है.
दरअसल, सतपुड़ा टाइगर रिजर्व के प्रबंधन की खुशी का उस वक्त कोई ठिकाना नहीं रहा, जब चूरना में ढ़ाई साल से लापता बाघिन टी-42 पांच दिन पहले अचानक मिल गई. पार्क प्रबंधन के मुताबिक, 4 दिसंबर को गश्ती टीम को बाघिन नजर आई. टीम के कैंप के पास आकर बाघिन ने गुर्राया. बाघिन के गुर्राने की आवाज सुनकर गश्ती टीम ने उसकी तलाश की. बाघिन को देखते ही गश्ती टीम के सदस्यों ने उसे पहचान लिया. यह लापता बाघिन T-42 थी.टीम ने तुरंत फील्ड डायरेक्टर को कर बाघिन के मिलने की जानकारी दी.लापता बाघिन के अचानक मिलने के बाद एसटीआर और वाइल्ड लाइफ से जुड़े लोगों में खुशी की लहर है.
साल 2021 में गायब हुई थी ये बाघिन
यहां बताते चलें कि बाघिन टी-42 को साल 2020 में बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व से सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में लाया गया था. कुछ दिनों में बाघिन ने यहां अपना क्षेत्र स्थापित कर लिया था. वह पर्यटकों के साथ काफी सहज हो गई थी. सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में अक्सर सैलानियों को बाघिन नजर आती थी, लेकिन साल 2021 की गर्मियों में वह अचानक गायब हो गई. पूरे पार्क में खोज की गई, लेकिन उसका कोई निशान नहीं मिला. यहां तक कि न ही वह पार्क में लगाए गए किसी कैमरा ट्रैप में दिखाई पड़ी.
पुरान क्षेत्र से 30 किमी दूर दिखी बाघिन
इसी बीच 4 दिसंबर को एसटीआर की पैदल गश्त टीम ने उसके गुर्राने की आवाज सुनी. टीम ने गुर्राने की आवाज सुनकर आसपास बाघिन को तलाश किया. बाघिन टी-42 उन्हें आते दिखी. टीम ने उसके फोटो, वीडियो शूट किए. बाघिन टी-42 अपने पुराने क्षेत्र से लगभग 30 किमी दूर थी. पास में मेल टाइगर भी था. फील्ड डॉयरेक्टर एल कृष्णमूर्ति के मुताबिक, बाघिन टी-42 जो ढ़ाई साल से मीसिंग थी. उसका पता नहीं चल पा रहा था. ये न बाघिन कैमरा ट्रैप में दिखी और न उसके कोई पगमार्क मिले. पांच दिन पहले गश्ती कैंप के पास बाघिन के गुर्राने की आवाज आई, तब उसकी पहचान हो पाई. यह एसटीआर के लिए बहुत खुशी की बात है.
टाइगर रिजर्व से बाघिन पहुंची महाराष्ट्र
सतपुड़ा टाइगर रिजर्व से दो साल पहले भी एक और बाघिन हरदा, खंडवा, बुरहानपुर होते हुए 320 किमी दूर महाराष्ट्र के अमरावती मेलघाट टाइगर रिजर्व पहुंच गई थी. एसटीआर प्रबंधन के अनुसार अब बाघिन ने मेलघाट टाइगर रिजर्व को अपना ठिकाना बना लिया है. नर्मदापुरम के सतपुड़ा टाइगर रिजर्व में इस बाघिन को जून 2021 में बांधवगढ़ से लाया गया था, जो विचरण करते हुए 320 किमी दूर मेलघाट पहुंच गई. बाघिन प्रतिदिन करीब 20 से 25 किमी चलती है. इसलिए ढ़ाई माह में बाघिन महाराष्ट्र के मेलघाट टाइगर रिजर्व पहुंच गई थी. इस दौरान कॉलर आईडी से बाघिन की लोकेशन ड्रेस की जा रही थी.
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