MP News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में बाघों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. अब राजधानी भोपाल (Bhopal) से 35 किलोमीटर दूर चिकलोद के जंगल में एक बाघ का कंकाल मिला है. यह कंकाल 10 से 12 दिन पुराना बताया जा रहा है. इसके संबंध में वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे (Ajay Dubey) ने शिकार से संबंधित सूचना दी थी. बता दें प्रदेश में बाघों की मौत के मामले में पूर्व सीएम कमलनाथ (Kamal Nath) भी सवाल उठा चुके हैं.

 

राजधानी भोपाल से 35 किमी दूर चिकलोद के जंगल में रविवार को बाघ का कंकाल मिला है. बाघ के बारे में पीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ शुभरंजन सेन ने स्थानीय अमले को सूचना दी थी. दो दिन पहले वाइल्ड लाइफ एक्टिविस्ट अजय दुबे ने सेन को व्हाट्सेप पर शिकायत की थी. इस शिकायत में बताया गया है कि रायसेन जिले की आशापुरी बीट के आरएफ कपॉटमेंट 330 में बाघ का गोली मारकर शिकार किया गया है. 

 

दो दिन की सर्चिंग के बाद मिला शव

सूचना के बाद वन अमला बीते दो दिनों से बाघ की तलाश कर रहा था. सर्च के दौरान रविवार को वन अमले को बाघ का कंकाल मिला है. यह कंकाल 10 से 12 दिन पुराना बताया जा रहा है. औबेदुल्लागंज एसडीओ पुष्पेंद्र धाकड़ के अनुसार बाघ को लेकर सर्चिंग की जा रही थी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आने के बाद ही कुछ कहा जा सकता है कि बाघ की मौत कैसे हुई. 

 

पूर्व सीएम कमलनाथ उठा चुके सवाल

बाघों की मौत के मामले में पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ भी सवाल उठा चुके हैं. कमलनाथ ने सोशल मीडिया के अपने एक्स अकाउंट पर लिखा कि टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में लगातार बाघों की मौत हो रही है. बीते 6 महीने की बात करें तो इस दौरान 23 बाघों की मौत हो चुकी है, जबकि अकेले बांधवगढ़ में 12 बाघों की मौत हुई है. पूर्व सीएम कमलनाथ ने लिखा था कि बताया जा रहा है कि बांधवगढ़ में शिकारियों और अंतरराष्ट्रीय तस्करों की सांठगांठ से बाघों की मौत का घिनौना खेल खेला जा रहा है. वन विभाग को कुछ शिकारियों के खातों में अंतरराष्ट्रीय लेनदेन के भी सबूत मिले हैं.

 

सरकार को बताया था नाकाम

पूर्व सीएम कमलनाथ ने लिखा था कि हम बाघों की मौत के मामले में पूरे देश में नंबर वन आ चुके हैं, बावजूद इसके सरकार कोई भी ठोस कदम उठाने में नाकाम साबित हुई है. सरकार की उदासीनता से जहां तस्करों की मौज हो रही है, वहीं वन्य जीवों का जीवन संकट में आ गया है. पूर्व सीएम ने लिखा कि ''मैं सरकार से मांग करता हूं कि बाघों की असमान्य मौतों को गंभीरता से लें और शिकारियों एवं तस्करों की भूमिका की जांच कर अपराधियों को कड़ी सजा दिलाने की पहल करें.''