Tomato Price Hike In MP: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में टमाटर के भाव भारतीय जनता पार्टी (BJP) और कांग्रेस (Congress) के बीच राजनीति का बड़ा मुद्दा बन गया है. अब कांग्रेस टमाटर के दाम बता कर वोट बैंक को अपनी ओर आकर्षित करने की कोशिश में जुट गई है. हालांकि टमाटर के दाम कम होने के लिए आप लोगों को अगस्त इंतजार करना पड़ेगा. मध्य प्रदेश के कई इलाकों में टमाटर की खेती होती है, लेकिन लगातार टमाटर के दाम कम होने और किसानों को आर्थिक नुकसान होने की वजह से पिछले कुछ समय से यहां किसानों का टमाटर की खेती पर मोहभंग हो गया है.
मध्य प्रदेश के कई ऐसे इलाके हैं, जहां पर इस बार टमाटर की खेती नहीं की गई. टमाटर की डिमांड इस बार अधिक बढ़ गई. मांग और पूर्ति के नियम के मुताबिक टमाटर के दाम आसमान पर पहुंच गए. सब्जी व्यापारी उत्सव सोलंकी ने बताया कि मध्य प्रदेश के रतलाम, धार सहित कई ऐसे जिले हैं, जहां पर टमाटर की खेती होती है, लेकिन इस बार किसानों ने काफी कम मात्रा में टमाटर की खेती की है. इसी वजह से टमाटर के दाम आसमान पर पहुंच गए हैं. वहीं व्यापारी राधेश्याम माली के मुताबिक अब अगस्त के महीने में टमाटर की नई फसल आने पर दाम कम होने की उम्मीद है.
थोक बाजार टमाटर 100 रुपये किलो का भाव
एक और टमाटर व्यापारी जावेद खान ने बताया कि वर्तमान में थोक बाजार में हाइब्रिड टमाटर 80 से 100 रुपये किलो बिक रहा है, जबकि एक अन्य क्वालिटी 2057 टमाटर 60 से 80 रुपये किलो तक बेचा जा रहा है. थोक बाजार में टमाटर के दाम इतने अधिक हैं, तो फुटकर बाजार में टमाटर गरीब परिवार की पहुंच से दूर हो गया है. मध्य प्रदेश के कई जिलों में टमाटर की खेती होती है, लेकिन ठंड के महीनों में टमाटर खेतों से बाहर निकलता है. अभी नया टमाटर आने की कोई उम्मीद नहीं है. टमाटर व्यापारियों के मुताबिक अभी नासिक के आसपास सावरगांव, नारायणगांव सहित अलग-अलग इलाकों से टमाटर की सप्लाई मध्य प्रदेश में हो रही है.
महाराष्ट्र से टमाटर ट्रांसपोर्ट करना भी महंगा
नासिक में भी टमाटर का रकबा कम है इसलिए भाव अधिक हो गए हैं. महाराष्ट्र से मध्य प्रदेश में टमाटर ट्रांसपोर्ट करना भी बारिश के दिनों में महंगा पड़ता है. उज्जैन जिले के फाजलपुरा के किसान हाकम सिंह ने बताया कि सरकार यदि सब्जियों के दाम पर भी समर्थन मूल्य लागू कर दें, तो इससे महंगाई की मार को रोका जा सकता है. इसके अलावा किसान को भी आर्थिक लाभ पहुंचेगा.
उन्होंने बताया कि टमाटर की खेती कर रहे किसानों को पिछले पांच सालों से नुकसान उठाना पड़ रहा था. यही वजह है कि इस बार काफी कम रकबे में टमाटर की खेती की गई, जिसके कारण भाव आसमान पर पहुंच गए. अब इस वर्ष अधिक संख्या में किसान टमाटर की फसल लगाएंगे, जोकि आने वाले समय में टमाटर के भाव पर प्रतिकूल असर डालेगी.