MP News: जन्नत से कम नहीं मध्य प्रदेश का पचमढ़ी हिल स्टेशन, सिर्फ 2 हजार में करें सतपुड़ा की रानी का सैर
MP Hill Station: ठंड के मौसम में आप अपने परिवार के साथ घूमने का प्लान बना रहे हैं तो पचमढ़ी हिल स्टेशन सबसे बेस्ट ऑप्शन है. क्योंकि एमपी की यह खूबसूरत जगह पर्यटकों को जन्नत सा सुकून देता है.
MP Pachmarhi Hill Station: मध्य प्रदेश में नैसर्गिक सुंदरता और खूबसूरती के मामले में हिल स्टेशन पचमढ़ी (Pachmarhi) का अव्वल स्थान है. यहां के हरे-भरे और शांत वातावरण में बहुत-सी नदियां,पहाड़,जंगल और झरनों के गीत पर्यटकों को जन्नत सा सुकून देते हैं. चूंकि, विंटर वेकेशन में घूमने-फिरने के दिन चल रहे हैं. इसलिए आज हम आपको मध्य प्रदेश की इस बेहद खूबसूरत वेकेशन डेस्टिनेशन के बारे में सब कुछ बताने जा रहे हैं. यहां अभी से क्रिसमस और नए साल का जश्न मनाने के लिए पर्यटकों की आमद शुरू हो गई है.
मध्य प्रदेश के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी मध्य भारत का सबसे खूबसूरत पर्यटन स्थल है. पचमढ़ी समुद्रतल से 1,067 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. सतपुड़ा की पहाड़ियों के बीच होने और अपने सुंदर स्थलों के कारण इसे सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है. यहां की नैसर्गिक सुंदरता और शांत वातावरण में बहते झरनों के गीत पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं. इसके साथ ही यहां भगवान शिव शंकर के कई प्राचीन मंदिर भी हैं, जो आपको तीर्थयात्रा का सुकून देते हैं. यकीन मानिए,अगर आप मध्यप्रदेश के एकमात्र पर्वतीय पर्यटन स्थल पचमढ़ी जाएंगे, तो प्रकृति का भरपूर आनंद उठाने के साथ आपकी तीर्थयात्रा भी हो जाएगी.
पर्यटकों को लुभाता है वाटर फॉल
पचमढ़ी में यूं तो कई जलप्रपात है, लेकिन इसमें सबसे ज्यादा लोकप्रिय बी फॉल है. साथ ही रजत प्रपात और डचेज फॉल भी बेहद लोकप्रिय हैं. इसका नाम बी फॉल इसलिए रखा गया है, क्योंकि कहा जाता है कि यह पूरा क्षेत्र जंगल से घिरा हुआ है. इस एरिया में बहुत सारी मधुमक्खियों के छत्ते पाए जाते हैं. यहां पर आपको बोर्ड भी देखने के लिए मिलता है, जिसमें सरकार की तरफ से चेतावनी दी गई है, कि मधुमक्खियों से सावधान रहे और किसी भी तरह की छेड़खानी ना करें. इसके अलावा बी फॉल काफी ऊंचाई से गिरता है, जिससे जलप्रपात की जो आवाज रहती है. वह मधुमक्खियों के भुनभुनाने की तरह होती है. इसलिए भी इस जलप्रपात को बी फॉल कहा जाता है. यह पिकनिक स्पॉट भी है, जहां आप नहाने का भी मजा ले सकते हैं. डचेज फॉल पचमढ़ी का सबसे दुर्गम स्पॉट है. यहां जाने के लिए करीब डेढ़ किलोमीटर का सफर पैदल तय करना पड़ता है. इसमें से 700 मीटर घने जगलों के बीच से और करीब 800 मीटर का रास्ता पहाड़ पर से सीधा ढलान का है.
सबसे ऊंची चोटी है धूपगढ़
मध्य प्रदेश की सबसे ऊंची चोटी है धूपगढ़. इसे प्रियदर्शिनी प्वाइंट भी कहा जाता है, जहां से सूर्यास्त का दृश्य बेहद लुभावन लगता है. यहां तीन पहाड़ी शिखर की बाईं तरफ चौरादेव, बीच में महादेव तथा दाईं ओर धूपगढ़ दिखाई देते हैं. पचमढ़ी से प्रियदर्शिनी प्वाइंट के रास्ते में नागफनी पहाड़ मिलता है, जिसका आकार कैक्टस की तरह है. यहां कैक्टस के पौधे बहुतायत में हैं.
दरअसल,पचमढ़ी को कैलाश पर्वत के बाद महादेव का दूसरा घर कहा जाता हैं. पौराणिक कथाओं के अनुसार, भस्मासुर को खुद महादेव ने यह वरदान दिया था कि वह जिसके सिर पर हाथ रखेगा वह भस्म हो जाएगा. भस्मासुर ने यह वरदान खुद शिवजी पर ही आजमाना चाहा था. उससे बचने के लिए भगवान शिव ने जिन कंदाराओं और खोहों की शरण ली थी, वह सभी पचमढ़ी में ही हैं. इसलिए यहां भगवान शिव के कई मंदिर दिखते हैं.
पचमढ़ी पांडवों के लिए भी जानी जाती है. कई मान्यताओं के अनुसार पांडवों ने अपने अज्ञातवास का कुछ काल यहां भी बिताया था और यहां उनकी पांच कुटिया या मढ़ी या पांच गुफाएं थीं. जिसके नाम पर इस स्थान का नाम पचमढ़ी पड़ा है. पचमढ़ी में पर्यटकों के घूमने की शुरुआत पांडवों की गुफा से होती है. एक छोटी पहाड़ी पर ये पांचों गुफाएं हैं. वैसे, इन्हें बौद्धकालीन गुफाएं भी कहा जाता है.
ये मंदिर है सबसे प्रसिद्ध
पचमढी में भगवान शिवशंकर के दर्शन के लिए आपको एक पूरा दिन देना पड़ सकता है, क्योंकि यहां उनके मंदिर ही सबसे अधिक हैं. इनमें सबसे प्रसिद्ध जटाशंकर महादेव और गुप्त महादेव मंदिर है. गुप्त महादेव जाने के लिए दो बिलकुल सटी हुई पहाड़ियों के बीच से गुजरना होता है, जबकि जटाशंकर मंदिर पचमढ़ी बस स्टैंड से महज डेढ़ किलोमीटर दूर है. वहां पहाड़ी से नीचे उतरकर खोह में जाना होता है. कहा जाता है कि भस्मासुर से बचने के लिए ही भोले शंकर इन दोनों जगहों पर छिपे रहे थे. इसके अलावा तीसरा प्रसिद्ध मंदिर महादेव मंदिर है जिसके बारे में मान्यता है कि भस्मासुर से बचते हुए अंत में शिवजी यहां छिपे और यहीं पर भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप लेकर भस्मासुर को अपने ही सिर पर हाथ रखने के लिए मजबूर कर उसका विनाश किया था. इन मंदिरों और जलप्रपातों के अलावा डोरोथी डीप रॉक शेल्टर, जलावतरण, सुंदर कुंड, इरन ताल, धूपगढ़, सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान आदि भी घूमने की जगहें हैं.
सतपुड़ा के अद्भुत घने जंगल
सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान का हिस्सा होने के कारण यहां चारो ओर घने जंगल हैं. पचमढ़ी के जंगल खासकर जंगली भैंसे के साथ अब टाइगर के लिए भी प्रसिद्ध हैं.इस स्थान की खोज कैप्टन जे. फॉरसोथ ने 1862 में की थी.पचमढ़ी की गुफाए पुरातात्विक महत्व की हैं क्योंकि इन गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं.पचमढ़ी से निकलकर जब आप सतपुड़ा के घने जंगलों में जाएंगे तो आपको बाघ,तेंदुआ, सांभर, चीतल, गौर, चिंकारा, भालू आदि अनेक प्रकार के जंगली जानवर मिलते हैं। पचमढ़ी का ठंडा सुहावना मौसम इसकी सबसे बड़ी विशेषता है.सर्दियों में यहां का न्यूनतम तापमान लगभग 0 से 1 डिग्री सेल्सियस के बीच हो जाता है और गर्मियों में भी अधिकतम तापमान 35 डिग्री से अधिक नहीं जाता.
यहां ठहर सकेत हैं आप
अगर आप दिल्ली या मुंबई से आ रहे हैं तो आपको पहले भोपाल या जबलपुर पहुंचना होगा. यहां से पचमढ़ी की दूरी 200 से 250 किलोमीटर के आसपास है. यहां से बस,टैक्सी या स्वयं के मोहन से पचमढ़ी पहुंचा जा सकता है. पचमढ़ी का नजदीकी रेलवे स्टेशन पिपरिया है,जो कि पचमढ़ी से 52 किलोमीटर दूर है. मध्यप्रदेश का प्रमुख पर्यटन स्थल होने के कारण होटलों के मामले में पचमढ़ी बेहद समृद्ध है. मध्य प्रदेश टूरिज्म के होटलों के अलावा यहां प्रायवेट होटल भी बहुतायत में हैं. यहां पंजाबी के अलावा जैन, गुजराती और मराठी व्यंजन भी आसानी से उपलब्ध हैं. यहां साल में एक बार मेला लगता है जिसमें पड़ोसी राज्य महाराष्ट्र और गुजरात के लोगों की भागीदारी सबसे अधिक होती है.
बेहद सस्ते में घूम सकते हैं
पचमढ़ी में यूं तो कई आलीशान होटल और रिसॉर्ट है, लेकिन यहां बजट होटल भी आसानी से मिल जाते है. पचमढ़ी में बजट होटल में वन नाइट का किराया 700 से 800 रुपये तक होता है. शेयरिंग टैक्सी ऑटो से पचमढ़ी के फेमस स्पॉट तक बेहद कम किराए में जाया जा सकता है. डेढ़ से दो हजार के बजट में एक दिन में पचमढ़ी घूमा जा सकता है.