MP Transfer Policy 2023: चुनाव से ठीक चार महीने पहले मध्य प्रदेश सरकार ने तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है. यह 15 जून से 30 जून तक प्रभावी रहेगा. इसके बाद तारीख नहीं बढ़ेगी. कैबिनेट ने बुधवार को ‘तबादला नीति 2023’ को शर्तों के साथ जारी किया.इसके मुताबिक प्रभारी मंत्री सिर्फ जिलों के भीतर ही तबादला कर सकेंगे. राज्य स्तर पर तमाम मामले मुख्यमंत्री के समन्वय से होंगे. इस तबादला नीति पर शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) की कैबिनेट के कुछ मंत्रियों ने ही सवाल खड़े किए हैं. राजस्व मंत्री गोविंद सिंह राजपूत (Govind Singh Rajpoot) ने पूछा है कि प्रदेश स्तर पर भी तबादलों से बैन क्यों नहीं हटाया जा रहा है.
क्या कहती है तबादला नीति
तबादला नीति के मुताबिक जिला कैडर के कर्मचारी और स्टेट कैडर के तृतीय और चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को जिले के भीतर ही तबादले होंगे. इसमें जिला कलेक्टर के माध्यम से प्रभारी मंत्री के अनुमोदन के बाद यह तबादले होंगे.तबादले की सूची विभाग के जिला अधिकारी के हस्ताक्षर से जारी होंगे. तृतीय श्रेणी और उससे निचली श्रेणी के तबादले हो सकेंगे.
वहीं पुलिस में उप पुलिस अधीक्षक से नीचे के अधिकारियों-कर्मचारियों के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड तय करेगा.जिले के भीतर प्रभारी मंत्री के अनुमोदन से एसपी तबादले करेंगे.इससे ऊपर के अधिकारी के तबादले पुलिस स्थापना बोर्ड के निर्देशों के बाद सीएम के समन्वय में जाएंगे. जिले के भीतर डिप्टी कलेक्टर/संयुक्त कलेक्टर के जिले के भीतर ट्रांसफर प्रभारी मंत्री की राय से होंगे.इसी तरह तहसीलदार, अतिरिक्त तहसीलदार और नायब तहसीलदार के मामले में प्रभारी मंत्री की राय से जिला कलेक्टर तबादला करेंगे.
सीएम शिवराज ने मंत्रियों से क्या कहा है
तबादला नीति पर मंत्रियों के सवालों पर मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा, राज्य स्तर के लिए आप (मंत्री) लिखकर दे दो. विधायक की चिट्ठी लगा दो. समन्वय से कर देंगे. इस पर राजपूत ने सवाल खड़ा कर दिया कि समन्वय से नहीं हो पाते.इस दौरान ऊर्जा मंत्री हरदीप सिंह डंग ने शिक्षा विभाग के तबादलों का भी अधिकार मांग लिया.उन्होंने कहा कि उनके ट्रांसफर प्रभारी मंत्री को करने दिए जाएं. द्यानिकी राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) भारत सिंह कुशवाह ने भी यही बात दोहराई.हालांकि इन सबके बीच जिलों के भीतर ही तबादले की नीति जारी हो गई.
ये भी पढ़ें