Bhopal: ट्यूशन टीचर के बेटे ने साढ़े तीन साल की बच्ची से की छेड़छाड़, थाने के बाहर हिंदू संगठनों का प्रदर्शन
MP News: डीसीपी जोन-2 संजय कुमार अग्रवाल के अनुसार बच्ची घर के पास ही ट्यूशन पढ़ने जाती है, जहां उसके साथ छेड़छाड़ की गई है. बच्ची की मां की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है.
Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक बार फिर नाबालिग बच्ची से छेड़छाड़ का मामला सामने आया है. यह घटना मंगलवार शाम की बताई जा रही है, जबकि बुधवार को परिजनों ने पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. परिजनों का आरोप है कि ट्यूशन टीचर के बेटे ने साढ़े तीन साल की बच्ची के साथ गलत हरकत की. इस मामले में हिंदू संगठनों ने भी जमकर आक्रोश जताया है.
भोपाल के बागसेवनिया थाना क्षेत्र में एक मां-बेटी रहती हैं, जबकि पिता की मौत हो चुकी है. महिला दूसरे के घरों में काम करती है. इस दौरान वह अपनी बच्ची को पड़ोस में एक महिला के यहां ट्यूशन पढ़ने भेज देती है. वहीं मंगलवार को जब ट्यूशन से बच्ची घर आई तो वह रो रही थी. इसके बाद जब मां ने देखा तो उसके शरीर पर खरोच के निशान थे.
क्या है पूरा मामला?
इसके बाद महिला ने ये बात अपने आसपास पड़ोस के लोगों को बताई, तो बात हिंदू संगठनों तक भी पहुंची. जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ता बच्ची और उसकी मां को लेकर थाने पहुंचे और आरोपी की गिरफ्तारी की मांग को लेकर प्रदर्शन किया. इसके बाद पुलिस ने 19 वर्षीय आरोपी के खिलाफ छेड़छाड़ की धाराओं में मामला दर्ज किया. पुलिस ने बच्ची का मेडिकल कराया, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
डीसीपी जोन-2 संजय कुमार अग्रवाल के अनुसार, बच्ची घर के पास ही ट्यूशन पढ़ने जाती है, जहां उसके साथ छेड़छाड़ की गई है. बच्ची की मां की शिकायत पर एफआईआर दर्ज कर ली गई है. मेडिकल रिपोर्ट आने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी. वहीं इस मामले में प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा है.
जीतू पटवारी ने सरकार को घेरा
जीतू पटवारी ने एक्स ट्वीट कर कहा, "कितना शर्मनाक और भयावह है कि मध्य प्रदेश की हर सुबह एक मासूम बेटी के साथ कुकृत्य की खबर से शुरू होती है. भोपाल में फिर एक तीन साल की मासूम बच्ची के साथ उसके शिक्षक के बेटे ने घिनौना कृत्य किया, जिससे पूरे प्रदेश को सदमे में डाल दिया."
उन्होंने कहा, "जिन बच्चियों ने अभी ठीक से बोलना भी नहीं सीखा, उन्हें इन दरिंदों के बीच छोड़कर उनकी आवाज छीनी जा रही है और इसके लिए प्रदेश के मुख्यमंत्री जिम्मेदार हैं. प्रदेश में हमारी बेटियों की स्थिति यह हो गई है कि वे होश बाद में संभालती हैं, उनके साथ कुकृत्य पहले हो जाता है. आए दिन अखबार हमारी बेटियों के आंसुओं और चीखों से भरे होते हैं, लेकिन यह मौन सरकार अब अंधी और मूक बाधिर भी हो चुकी है."
जीतू पटवारी ने आगे कहा, "बेटी पढ़ाओ, बेटी बचाओ का नारा देने वाली इस सरकार के शासन में बेटियां पढ़ने तो जाती हैं, लेकिन बच नहीं पातीं. आखिर कितनी और बेटियों के जीवन के साथ खिलवाड़ होने देंगे. मुख्यमंत्री जी, मेरे प्रदेश की बेटियों को एक सुरक्षित और भयमुक्त प्रदेश देने के लिए मोहन यादव जी को गृह मंत्री के पद से तुरंत इस्तीफा देना चाहिए."