MP News: देश के कई राज्यों में पशुओं के लिए कहर बन चुके लंपी वायरस ने जबलपुर जिले में भी दस्तक हो गई है. जिले के ग्रामीण इलाकों में दो आवारा पशुओं में लंपी वायरस जैसे लक्षण पाए जाने से खासा हड़कंप मचा हुआ है. लंपी के संदिग्ध मामलों के सामने आने के बाद जिला प्रशासन ने बीमार पशुओं के सैंपल लेकर जांच के लिए भेज दिए हैं.
पशुओं के परिवहन पर लगाया गया बैन
इसके अलावा प्रशासन ने पशुओं के परिवहन पर धारा 144 के तहत पूरी तरह से रोक लगा दी है. इस बीच ना तो बाहर के पशु जबलपुर आ पाएंगे और ना ही जिले से पशुओं को बाहर भेजा जा सकेगा. इसके अलावा पशुओं की खरीदी बिक्री के लिए लगने वाले हाट या मेला पर भी प्रशासन ने रोक लगा दी है. कलेक्टर इलैयाराजा टी के मुताबिक लंपी वायरस के कहर को रोकने के लिए गौशालाओं में वैक्सीनेशन की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. उन्होंने कहा कि लंपी वायरस के संदिग्ध मामलों को देखते हुए जिला प्रशासन ने सरकार से 50 हज़ार वैक्सीन की डोज़ मांगी हैं.
जांच के लिए भेजे गए संदिग्ध सैंपल
कलेक्टर डॉ. इलैया राजा टी के मुताबिक एक-दो दिनों में लंपी वायरस की वैक्सीन के डोज़ जबलपुर में पहुंच जाएंगे. इसके अलावा प्रशासन जन भागीदारी के जरिए भी पशुओं की वैक्सीन की कवायद में जुटा हुआ है. प्रशासन इस बात को लेकर राहत महसूस कर रहा है कि जबलपुर जिले में लंपी वायरस के महज दो ही संदिग्ध प्रकरण सामने आए हैं, लिहाजा इनके सैंपल जांच के लिए भेज दिए गए हैं.
क्या है लंपी वायरस
लंपी त्वचा रोग एक वायरस जनित बीमारी है, जो पशुओं से पशुओं में फैलती है. यह पशुओं से मनुष्यों में नहीं फैलती है. पशुपालकों को सलाह दी गई है कि पालतू पशु में लंपी वायरस के लक्षण दिखने पर वे घबराएं नहीं बल्कि अपने पशु चिकित्सक से उसका उपचार कराएं. राज्य के पशुपालन विभाग ने इसके साथ ही स्वस्थ पशुओं का टीकाकरण कराने की सलाह दी है. प्रदेश में टीकाकरण नि:शुल्क किया जा रहा है. पशु पालक अधिक जानकारी के लिए 0755-2767583 पर संपर्क कर सकते हैं या टोल फ्री नं. 1962 पर सूचना दे सकते हैं.
यह भी पढ़ें:
MP School Bus Accident: सागर में दुर्घटनाग्रस्त हुई 40 बच्चों को ले जा रही स्कूल बस, एक छात्र की मौत