MP News Today: मध्य प्रदेश में तेजा दशमी के पर्व पर उज्जैन जिले के बड़नगर में मन्नत पूरा होने पर एक किसान ने अपने बेटे को नोटों से तोल दिया. यह खबर तेजी से आसपास के इलाके में फैल गई. फिर क्या था, इस कार्यक्रम को देखने के लिए मंदिर के आसपास लोगों की भीड़ जमा हो गई. बेटे को नोटों से तोलने के लिए किसान ने 10-10 के नोटों की गड्डी लंबे समय से एकत्रित की थी.


दरअसल, तेजा दशमी पर्व पर उज्जैन जिले में तेजाजी महाराज के मंदिरों में निशान चढ़ाने की परंपरा है. इस परंपरा के तहत लोग अपनी मन्नत को लेकर अलग-अलग प्रकार के कार्यक्रम आयोजित करते हैं. इसी क्रम में उज्जैन से 50 किलोमीटर दूर बड़नगर में किसान चतुर्भुज जाट ने अपने 30 साल के बेटे वीरेंद्र जाट को तेजा दशमी के अवसर पर नोट से तोल दिया. 


चार साल पहले मांगी थी मन्नत


दरअसल, उज्जैन के एक किसान ने मन्नत मांगी थी कि बेटे की मनोकामना पूर्ण होने पर पुत्र वीरेंद्र को नोटों से तोला जाएगा. यह मन्नत पूरी होने पर बड़नगर के वीर तेजाजी महाराज के मंदिर में तेजा दशमी के अवसर पर वीरेंद्र को नोटों से तोला. एक पलडे में नोटों की गड्डियां रखी गई, जबकि दूसरे में वीरेंद्र को बिठाया गया. किसान चतुर्भुज के मुताबिक 10 लाख रुपए की राशि से 83 किलो वजन हुआ, जिससे उनके बेटे को तोल दिया गया.


किसान चतुर्भुज ने अपने पुत्र को नोटों की गड्डियों से तोलने के बाद 10 लाख 70 हजार की राशि तेजाजी मंदिर के निर्माण के लिए दान कर दी. किसान ने बताया कि चार साल पहले उनके द्वारा मन्नत मांगी गई थी जो कि भगवान ने पूरी कर दी. इस समय उन्होंने तेजाजी मंदिर में बेटे के बराबर के वजन के नोटों को दान देने की मनोकामना धारण की थी.


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