Ujjain News: मध्य प्रदेश के उज्जैन में रिश्वत मांगने का मामला सामने आया है. यहां एक ग्राम पंचायत के सचिव ने किसान से कहा कि अगर उसे अपने खेत की मिट्टी निकलवा कर जमीन को बराबर करना है तो उसकी एनओसी हासिल करने के लिए 6,000 रुपये रिश्वत देनी होगी. दरअसल, राज्य में खेतों से जमीन निकालने के लिए एनओसी जरूरी है. इस कानून का गलत लाभ उठाने के लिए ग्राम पंचायत सचिव ने रिश्वत मांगी. हालांकि अब आरोपी गिरफ्तार कर लिया गया है.


ग्राम पंचायत सचिव ने किसान से कहा कि, खेत में मिट्टी निकलवा कर उसे समतल कराना है तो ग्राम पंचायत की एनओसी जरूरी है. इसके लिए 6000 रुपये की रिश्वत देना पड़ेगी. जिसके बाद किसान ने सचिव को रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार करवा दिया. जैसे ही लोकायुक्त पुलिस ने ग्राम सचिव को पकड़ा वैसे ही उसकी भाषा बदल गई. लोकायुक्त डीएसपी सुनील तलान ने बताया कि चैनपुर हंस खेड़ी में रहने वाले विजय जाट ने अपना खेत समतल करवाने के लिए फोरलेन बनाने वाली कंपनी से अनुबंध किया था. 


रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया आरोपी 


इसके जरिए खेत में मिट्टी निकलवा कर उसे समतल कराया जाना था. इसके लिए ग्राम पंचायत कड़छा की अनापत्ति जरूरी है. अनापत्ति लेने के लिए जब विजय ग्राम सचिव राकेश सोनगरा के पास गया तो राकेश ने हाथ खड़े कर दिए.उसने कहा कि कठिन प्रक्रिया है, इसलिए इसमें वक्त लगेगा.जब विजय जल्दी अनुमति मांगने के प्रयास किए तो राकेश ने 6000 रुपये की रिश्वत मांगी.इस मामले की शिकायत लोकायुक्त के पास पहुंची.लोकायुक्त पुलिस ने राकेश सोनकर को गिरफ्तार कर लिया है.लोकायुक्त पुलिस ने बताया कि आरोपी को रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ पकड़ा गया.आरोपी  को नरवर थाने ले जाकर उसके खिलाफ कार्रवाई की गई. 


पहले 20000 रुपये थे मांगे 


लोकायुक्त डीएसपी ने बताया कि आरोपी ने सबसे पहले 20000 रुपये की मांग की थी. इसके बाद जब किसान ने अपनी मजबूरी बताई तो वह 10,000 पर राजी हो गया. यह सिलसिला लगातार चलता रहा. इसके बाद जब मंगलवार को फरियादी किसान आरोपी राकेश के पास पहुंचा तो 6000 रुपये में एनओसी देने की बातचीत पक्की हो गई. बताया जाता है कि सरपंच ने एनओसी पर साइन कर दिए थे, जबकि सचिव रिश्वत के लिए आनाकानी कर रहा था. 


अब तक 33 भ्रष्टाचारी गए हैं पकड़े


उज्जैन लोकायुक्त ने पूरे संभाग में अलग-अलग स्थानों पर कार्रवाई की है. उज्जैन संभाग में साल 2022 में 33 भ्रष्टाचारी पकड़े गए हैं. इनमें पांच लोगों के खिलाफ पद के दुरुपयोग का मामला दर्ज किया गया है, जबकि 28 प्रकरण सीधे-सीधे रिश्वत मांगने के हैं. लोकायुक्त पुलिस ने ग्राम पंचायत के सचिव से लेकर डिप्टी कलेक्टर रैंक के अधिकारी तक पर कार्रवाई की है. इस सूची में पुलिस,पटवारी और राजस्व अधिकारी आदि शामिल हैं. 


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