Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री व बीजेपी (BJP) की फायर ब्रांड नेता उमा भारती (Uma Bharti) शराब के खिलाफ लगातार सख्त रूख अपना रही हैं. उनके सख्ती के चलते ही मध्य प्रदेश सरकार शराब के खिलाफ अभियान चला रही है. इसके बावजूद उमा भारती इस अभियान से संतुष्ट नहीं हैं. सोमवार की रात उमा भारती अचानक राजधानी भोपाल की एक शराब दुकान के सामने जा पहुंची और दुकान में लगे पर्चे हटाते हुए दुकान के सामने ही कुर्सी लगाकर बैठ गई. पूर्व सीएम उमा ने लोगों के सामने विवादित बयान देते हुए कहा कि तिलकधारी, जनेउधारी और तलवारधारी जो अपने आप को भगवान सेवक कहते हैं. इन्हीं की बदौलत प्रदेश में शराब के अहाते आसानी से चल रहे हैं.
शराब की दुकान के सामने लगाएंगी टेंट
मध्य प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती शराब दुकान के खिलाफ मध्य प्रदेश में सात नवंबर से अभियान चलाएंगी. उन्होंने कहा कि प्रदेश में शराब की दुकानें ऐसे बंद नहीं होगी, बल्कि मुझे इन दुकानों के सामने टेंट लगाकर रहना पड़ेगा. यहीं रोटियां टिक्कड सेंकना पड़ेगा. दरअसल उमा भारती ने सात नवंबर से प्रदेश में शराब बंदी लागू होने तक घर छोड़कर शराब दुकान के सामने ही टेंट लगाकर रहने की चेतावनी दे दी है.
भाई सीएम को लज्जित होते नहीं देख सकती
वहीं उमा भारती ने कहा कि हनुमान जी और दुर्गा मंदिर के सामने शराब की दुकान व अहाता है. ये दुकान गैरकानूनी है. मैं बीजेपी की कार्यकर्ता हूं. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की छोटी बहन हूं. मैं अपने भाई को लज्जित होते नहीं देख सकती. अभी जो हो रहा है वह सहन नहीं कर सकती. यह दुकान मुझे बहुत अखर रही है दुकानदार कोर्ट से स्टे ले आया. उन्होंने कहा कि शराब की दुकान चलाने वाले दुकानदारों को सत्ता की ताकत प्राप्त है. अब यह शराब माफिया मुझ पर हमला करा सकते हैं.
छह महीने से कर रही हूं सरकार से बात
उमा भारती ने कहा कि अयोध्या बायपास की दुकान के सामने चालीस साल पुराने हनुमान जी और माता का मंदिर है. मंदिर के सामने ही शराब परोसी जा रही है. मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं को काफी तकलीफ होती है. इस दुकान को बंद कराने के लिए मैं सरकार से बीते छह महीने से बात कर रही हूं. सितंबर महीने में महज तीन दिन के लिए दुकान बंद हुई थी. जो कोर्ट से स्टे आने के बाद फिर से शुरू हो गई. यह शराब की दुकान आसपास के रहवासियों के लिए परेशानी का कारण बनी हुई है. इससे मुझे बहुत तकलीफ हो रही है. रहवासियों की तकलीफ मैं नहीं देख सकती हूं.
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