Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh)में स्कूली बच्चों को घटिया क्वालीटी का ड्रेस दिए जाने का मामला सामने आया है. इस मामले के उजागर होने के बाद सरकार सख्त हो गई है. मुख्य सचिव इकबाल सिंह बैंस (Iqbal Singh Bains) ने स्कूल शिक्षा  और पंचायत विभाग को इस मामले की जांच करने के आदेश दिए हैं. दरअसल, शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) सरकार ने स्कूली बच्चों के लिए ड्रेस का कपड़ा खरीदकर उसे महिला समुहों से सिलवाकर बाटने के आदेश दिए थे.


एक ड्रेस के कपड़े के लिए 220 रुपये तय किए थे. साथ ही कपड़ों की सिलाई के लिए सरकार की ओर से 70 रुपये तय किए गए थे. यानी कपड़े से लेकर सिलाई तक हर ड्रेस की लागत 290 रुपये थी. सरकार की ओर से राज्य शिक्षा केंद्र और राष्ट्रीय अजीविका मिशन के अधिकारियों को बुनकर संघ से कपड़ा खरीदकर और महिला समूहों से उन कपड़ों की ड्रेस सिलवाकर 130 दिनों में स्कूली बच्चों में बाटने का आदेश दिया था.


 घटिया क्वालीटी की ड्रेस खरीदी गई
अब सरकार को इस बात की शिकायत मिली है कि जिम्मेदार अधिकारियों ने ड्रेस सिलवाया नहीं बल्कि उसे बाजार से खरीद लिया. बाजार से घटिया क्वालीटी की ड्रेस खरीदी गई. सरकार की ओर से ड्रेस की जो लागत तय की गई थी, उससे 100 रुपये कम की लागत में ये ड्रेस खरीदी गई हैं. इन शिकायतों के बाद शासन सख्त हुआ है. राज्य शिक्षा केंद्र के आयुक्त धनराजू एस ने भी इस मामले को लेकर बैठक बुलाई है. साथ ही स्कूल शिक्षा विभाग भी इस मामले की जांच करवा सकता है. 


इस पूरे मामले पर धनराजू एस ने कहा कि हमारा काम ड्रेस के लिए समय से राशि देना है. ड्रेस या कपड़ा खरीदने का काम  राष्ट्रीय अजीविका मिशन का है. ड्रेस सिलवाने के लिए 130 दिनों का समय दिया गया था, लेकिन ये काम 120 दिनों में कर लिया गया. हम इस मामले की जांच करवाएंगे. 


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