SAGAR: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) में नगरीय निकाय के चुनाव में बीजेपी (BJP) में टिकटों को लेकर घमासान छिड़ा हुआ है. महापौर (Mayor) के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद वार्ड पार्षदों को लेकर दावेदार दिनरात नेताओं और पार्टी हाईकमान के चक्कर लगा रहे हैं. वहीं महापौर पद के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद बाकी दावेदारों में नाराजगी बनी हुई है. वार्ड पार्षदों के चयन समितियों की बैठक हो रही है. कई नगर निगमों में कल 17 जून को यानी नामांकन पत्र भरे जाने की अंतिम तारीख के एक दिन पहले ही टिकिटों का एलान होना है. इसकी घोषणा भी नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह कर चुके हैं. 


नाराज दावेदारों को समझाते दिखे मंत्री


मंत्री भूपेन्द्र सिंह ने सागर में नगर निगम की महापौर प्रत्याशी संगीता सुशील तिवारी के मुख्य चुनाव कार्यालय का शुभारंभ करते हुए कई तरह से दावेदारों को समझाइश दी. उन्होंने चयन समति की गाइड लाइन बताई. नगरीय विकास मंत्री भूपेंद्र सिंह ने यहां तक कहा कि बीजेपी में कार्यकर्ता के काम का हमेशा आकलन होता है. कार्यकर्ता पार्टी में अपनी विश्वनीयता बनाये रखें. पार्टी में कब कैसे  परिस्थितियां बनती हैं. पार्टी में कब किसको क्या जिम्मेदारी मिल जाए. कई बार ऐसा भी होता है कि आप घर पर सो रहे होते हैं और पार्टी आपके घर के दरवाजे खटखटाकर टिकट देती है. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी कार्यकर्ताओं की पार्टी है और हमें पार्टी के लिए सतत काम करना है, क्योंकि समय-समय पर सबका मूल्यांकन होता है. हाल ही में सम्पन्न हुए राज्यसभा चुनाव इसका उदाहरण हैं.


पांच साल कब गुजर जाएंगे पता नहीं चलेगा
इस मौके पर महापौर पद के टिकट से वंचित और वार्ड पार्षद के पार्टी प्रत्याशी बनने के लिए जोड़तोड़ में लगे कई कार्यकर्ता और नेता मौजूद थे. मंत्री ने उन्हें समझाते हुए कहा कि मुझे राजनीति करते 40 साल हो गए लेकिन मैंने पार्टी के खिलाफ एक भी काम नहीं किया. बीजेपी ने जिसे उम्मीदवार बनाया है उसके लिए काम करें. पार्टी में व्यक्ति बड़ा नहीं होता है. पांच साल ज्यादा समय नहीं होता है निकल जाएगा. पार्टी ने जो निर्णय कर दिया उसके लिए काम करें. 


बीजेपी ने किया परिवारवाद को खत्म  


भूपेंद्र सिंह ने कहा कि बीजेपी आज दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है जिसने नए मूल्य स्थापित किए और परिवारवाद को समाप्त करने का काम किया. उन्होंने कहा कि पार्टी ने यह तय किया है कि परिवार से एक ही व्यक्ति चुनाव लड़ेगा. पार्टी ने यह भी तय किया है कि 75 साल से अधिक उम्र के किसी व्यक्ति को टिकट नहीं दिया जाएगा. जहां पर भी परिवारवादी पार्टियां हैं, वे धीरे-धीरे समाप्त हो रहीं हैं. 


नियमों के कारण MLA और उम्रदराज नेताओं को नहीं मिला टिकट


मंत्री ने कहा कि पार्टी ने यह भी तय किया कि 60 साल से अधिक के व्यक्ति को महापौर का प्रत्याशी नहीं बनाएंगे. पार्टी ने महापौर चुनाव के लिये सर्वे कराया था. चुनाव समिति में पार्टी के सारे बड़े नेता उपस्थित थे, जिन्होंने तय किया कि वर्तमान विधायक को महापौर का टिकट नहीं देंगे. जबकि सर्वे में इंदौर से विधायक रमेश मेंदोला और भोपाल से कृष्णा गौर आगे थीं. ग्वालियर में पहले नंबर पर माया सिंह का नाम आगे था, मगर वे उम्र के क्राइटेरिया में खरी नहीं उतरीं. उन्होंने कहा कि बीजेपी एक व्यक्ति से नहीं चलती बल्कि निर्णय सामूहिक होते हैं, जबकि कांग्रेस में तो सिर्फ कमलनाथ ने ही महापौर के सारे टिकट तय कर दिये. 


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