MP Urban Body Election 2022: मध्यप्रदेश कांग्रेस में अपनी पकड़ मजबूत करते हुए कमलनाथ ने नगरीय निकाय चुनाव में टिकट वितरण के बहाने मास्टर स्ट्रोक खेला है. राज्य से 16 में से 15 नगर निगमों में अपनी पसंद के उम्मीदवारों को टिकट देकर कमलनाथ ने संकेत दे दिया है कि 2023 का विधानसभा चुनाव कांग्रेस उनके नेतृत्व में ही लड़ेगी. फिलहाल राज्य में उन्हें कोई चुनौती देता हुआ भी नहीं दिख रहा है.


दिग्विजय खेमा हुआ पीछे
राजनीतिक हलकों में कुछ दिन पहले तक बड़ी चर्चा थी कि भोपाल में कांग्रेस संगठन में तमाम जिम्मेदारियां दिग्विजय सिंह गुट के नेताओं के पास आने से कमलनाथ की पकड़ कमजोर हो रही है. नगरीय निकाय चुनाव में भी दिग्विजय खेमा बराबरी से ताल ठोंक रहा था, लेकिन 16 में से 15 नगर निगम के मेयर के टिकट में कमलनाथ का सर्वे ही चला और बाकी गुटों का मुंह बंद हो गया. अब इसे कांग्रेस के हलकों में कमलनाथ का मास्टर स्ट्रोक बताया जा रहा. यह भी चर्चा है कि 2023 में विधानसभा चुनाव के टिकट वितरण में पीसीसी चीफ कमलनाथ का ही दबदबा रहेगा.


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दिग्विजय गुट की संगठन में पकड़ मजबूत माना गया  
पिछले दिनों कमलनाथ ने विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद छोड़ दिया था. जिसके बाद दिग्विजय खेमे के सात बार के विधायक डॉ गोविंद सिंह की इस पद पर ताजपोशी हुई. तब कहा गया कि कांग्रेस आलाकमान के दबाव में यह फैसला हुआ है. इसके पीछे एक व्यक्ति-एक पद के सिद्धांत की दुहाई दी गई थी और यह प्रचारित किया गया कि अब दिग्विजय सिंह की संगठन में पकड़ मजबूत हो रही है.


फिलहाल कमलनाथ को चुनौती देने वाला कोई नहीं
वैसे यहां बता दें कि मध्यप्रदेश कांग्रेस में इस वक्त दिग्विजय सिंह के अलावा कोई भी कमलनाथ के नेतृत्व को चुनौती देने की स्थिति में नहीं है. पिछले विधानसभा चुनाव में एमपी में कमलनाथ और दिग्विजय सिंह के अलावा तीसरा गुट ज्योतिरादित्य सिंधिया का था, लेकिन राज्य में कांग्रेस की सरकार बनने के बाद अपनी उपेक्षा से नाराज होकर उन्होंने कमलनाथ सरकार ही गिरा दी. इसका दोष कमलनाथ से ज्यादा दिग्विजय सिंह के सिर आया और उनकी स्थिति कमजोर होने लगी. मध्यप्रदेश कांग्रेस में अरुण यादव और अजय सिंह का यहां की राजनीति में बड़ा नाम है, लेकिन उनकी स्थिति कमलनाथ के कद तक पहुंचने वाली नहीं है.


वहीं नगरीय निकाय चुनाव के टिकट में नेताओं की राय से ज्यादा अपने सर्वे पर भरोसा करके कमलनाथ ने जता दिया है कि 2023 के विधानसभा चुनाव में भी उनकी ही चलेगी और जीतने वाले विधायकों पर ही दांव खेला जायेगा.


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