Vikram university news: मध्य प्रदेश के किसी भी कोने में छात्र राजनीति की बात हो और माधव कॉलेज का नाम ना आए ऐसा हो नहीं सकता. मध्य प्रदेश की धार्मिक नगरी उज्जैन में स्थित माधव कॉलेज 132 साल का हो गया है. 132 वर्ष पुराने इस भवन से निकलकर कई राजनेताओं ने प्रदेश ही नहीं बल्कि देश के शिखर पर अपना नाम चमकाया है. विक्रम यूनिवर्सिटी के अंतर्गत 180 से ज्यादा कॉलेज आते हैं, जिसमें आज भी माधव कॉलेज की अपनी अलग ही पहचान है.


1956 में नींव रखी गई थी


विक्रम यूनिवर्सिटी के कुलपति अखिलेश कुमार पांडेय बताते हैं कि विक्रम यूनिवर्सिटी मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी यूनिवर्सिटी थी. वर्ष 1956 में इसकी नींव रखी गई थी और वर्ष 1957 से इसमें सेशन शुरू हुआ. मध्य भारत की विक्रम यूनिवर्सिटी के अंतर्गत जीवाजी यूनिवर्सिटी ग्वालियर, बरकतउल्ला यूनिवर्सिटी भोपाल और देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी इंदौर भी आते थे. आगरा यूनिवर्सिटी से अलग होकर विक्रम यूनिवर्सिटी की स्थापना की गई थी. वर्तमान में इसके अंतर्गत सरकारी और गैर-सरकारी कॉलेजों की संख्या 180 से अधिक है. इसके अलावा विक्रम यूनिवर्सिटी की 36 अध्ययन शालाएं हैं.


70 सरकारी कॉलेज में विक्रम यूनिवर्सिटी का सीधा-सीधा हस्तक्षेप है. विक्रम यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर शैलेंद्र शर्मा के मुताबिक वर्तमान में यूनिवर्सिटी से एक लाख 80 हजार से अधिक विद्यार्थी शिक्षा ग्रहण कर रहे हैं. यूनिवर्सिटी में 245 विषय पढ़ाए जा रहे हैं, जबकि 36 शोध केंद्र भी है.


मुख्यमंत्री से लेकर केंद्रीय मंत्री तक रह चुके हैं विद्यार्थी


विक्रम यूनिवर्सिटी के अंतर्गत आने वाले माधव कॉलेज में कई ऐसे विद्यार्थी हैं, जो आगे चलकर पद्मभूषण और पद्मश्री से भी सम्मानित हुए हैं. इसके अलावा राजनीति के शिखर में भी उनके द्वारा खूब नाम कमाया गया है. यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉक्टर शैलेंद्र शर्मा के मुताबिक पूर्व केंद्रीय मंत्री थावरचंद गहलोत, डॉ सत्यनारायण जटिया, कप्तान सिंह सोलंकी, रघुनंदन शर्मा, वर्तमान में उच्च शिक्षा मंत्री मोहन यादव, प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी का सीधा-सीधा विक्रम यूनिवर्सिटी से संबंध रहा है. इसके अलावा पंडित सूर्यनारायण व्यास, पद्मभूषण शिवमंगल सिंह सुमन, दुर्गादास सूर्यवंशी, डॉक्टर शिवदयाल शर्मा, डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद का भी विक्रम यूनिवर्सिटी से प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से संबंध रहा है.


ऐसे रखी गई थी माधव कॉलेज की नींव


विक्रम यूनिवर्सिटी से प्राचीन उज्जैन का माधव कॉलेज है. माधव कॉलेज की नींव 1888 में रखी गई थी. उस समय उज्जैन स्कूल के नाम से इसकी शुरुआत हुई थी. बाद में इसे कॉलेज बना दिया गया. 1890 में माधव कॉलेज की कॉलेज के रूप में शुरुआत हुई. 1893 में इसे इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से संबद्ध किया गया. माधव कॉलेज का नाम स्वर्गीय माधवराव सिंधिया के नाम पर रखा गया है. माधव कॉलेज के भवन को सिंधिया परिवार ने ही दिया था .


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