MP Weather Report: एक तरफ जहां देश के अलग-अलग हिस्सों में जबरदस्त बारिश हो रही है और बाढ़ के हालात बने हुए हैं. वहीं दूसरी तरफ मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के 15 जिलों मे बारिश नहीं होने के चलते धान की खेती प्रभावित हो रही है और अब तो सूखे के आसार नजर आने लगे हैं. इसकी वजह से अन्नदाताओं के माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई देने लगी हैं. बरसात न होने की वजह से धान की खेती पिछड़ रही है. इसके अलावा धान की नर्सरी को बचाने की कवायद में भी किसानों के पसीने छूट रहे हैं.
प्रदेश के बुंदेलखंड और बघेलखंड सहित एमपी के तमाम जिलों मे बारिश न होने के चलते हर तरफ हाहाकार मचा है. अन्नदाता सूखे की आशंका से चिंतित हैं. वरिष्ठ रिटायर्ड मौसम वैज्ञानिक जेडी मिश्रा के मुताबिक गुजरात, छत्तीसगढ़ और एमपी से सटे कई जिलों में अभी मानसून सक्रिय नही हो पाया है, जिस वजह से ये हालात बने हुए हैं. बंगाल की खाड़ी और अरब सागर के कारण अभी इंदौर, रतलाम, खंडवा, उज्जैन, हरदा, विदिशा और गुना में ज्यादा बारिश हो रही है. अगले सप्ताह तक इन्हीं जिलों में बारिश होने के आसार हैं.
अगले कुछ दिनों में इन जगहों पर होगी बारिश
मौसम विभाग के अनुसार 22 से 28 जुलाई के बीच प्रदेश के कई जगहों पर अच्छी बारिश होने की उम्मीद है. मौसम विभाग के अनुसार इस दौरान बघेलखंड, बुंदेलखंड सहित चंबल इलाके में बारिश होने की संभावना है. दूसरी तरफ रीवा, सिंगरौली, सीधी और सतना वाले इलाके में 60 प्रतिशत से कम बारिश हुई है. बुंदेलखंड इलाके में अब तक सबसे कम बारिश हुई है. जुलाई का दूसरा सप्ताह खत्म हो गया है और अब तक जिन खेतों में धान की रोपाई हो जानी चाहिए थी, उन खेतों में अभी तक धूल उड़ रही है.
किसानों के सता रही ये चिंता
किसानों की आंखें आसमान की तरफ टकटकी लगाए देख रही हैं कि कब इंद्रदेव मेहरबान होंगे और बारिश होगी, ताकि वे अपने खेतों में धान की रोपाई कर पाए. सिंगरौली जिले के खैराही गांव के रहने वाले किसान अंजनी पांडेय हों या फिर सिंगरौलिया गांव के रहने वाले अजय दुबे, इलाके के तमाम किसानों को इस बात की चिंता सता रही है कि अगर बरसात नहीं होगी तो धान की रोपाई कैसे होगी, फिर धान की फसल जब पैदा नहीं होगी तो उनके घर का खर्च कैसे चलेगा?