MP Rains: मध्य प्रदेश में इस बार मानसून की दस्तक देने के साथ ही अच्छी बारिश का दौर बना रहा. अच्छी बारिश की वजह से प्रदेश के लगभग सभी डैम पानी से लबालब हो गए तो वहीं नदी-तालाबों का जलस्तर भी बढ़ा है. अब बारिश अंतिम दौर में है. मौसम विभाग का अनुमान है कि अक्टूबर के पहले सप्ताह में मानसून की विदाई हो जाएगी. इधर मौसम विभाग ने आज (शुक्रवार, 27 सितंबर) से 2 दिन तक मालवा निमाड़ में तेज बारिश की संभावना जताई है.


मौसम विभाग के अनुसार, सायसर और मानसून ट्रफ की एक्टिविटी की वजह से बारिश का सिस्टम एक्टिव हुआ है. इसकी वजह से अगले दो दिन तक कई जिलों में बारिश हो सकती है. इस सिस्टम का ज्यादा असर मालवा-निमाड़ क्षेत्र में ज्यादा रहेगा. दो दिन बाद सिस्टम कमजोर हो जाएगा. इधर प्रदेश में अब तक सामान्य 42.6 इंच बारिश हो चुकी है, जबकि मंडला में 59.5 इंच बारिश दर्ज की गई है.


गुरुवार को 20 जिलों में हुई बारिश
वहीं गुरुवार को प्रदेश के 20 जिलों में बारिश हुई. सबसे ज्यादा बारिश खंडवा में हुई, जहां 2 इंच बारिश रिकार्ड की गई. जबकि इंदौर में पौन इंच, सिवनी, बैतूल, धार, उज्जैन, खजुराहो, नर्मदापुरम में आधा इंच, रायसेन, भोपाल, रतलाम, छिंदवाड़ा, नरसिंहपुर, नौगांव, सतना, बालाघाट, राजगढ़, बड़वानी और सीहोर में बारिश दर्ज की गई. बारिश की वजह से लोगों को गर्मी व उसम से राहत मिली. जबकि राजगढ़ में बिजली गिरने से पति-पत्नी व बेटे की मौत हो गई.


10 सालों में कितनी हुई बारिश
पिछले 10 साल के बारिश के आंकड़ों पर बात करें तो साल 2015 में 32.4 इंच बारिश हुई थी, जबकि 2016 में 43.1, 2017 में 29.9, 2018 में 34.3, 2019 में 53.0, 2020 में 39.0, 2021 में 37.2, 2022 में 46.0, 2023 में 37.2 और 2024 में अब तक 42.6 इंच बारिश रिकार्ड की जा चुकी है.


लबालब हुए प्रदेश के सभी डैम
अच्छी बारिश की वजह से प्रदेश के सभी प्रमुख डैम भी लबालब हो गए हैं. सीहोर के कौलार डैम की क्षमता 462.2 मीटर है, जबकि यहां 462.2 तक लबालब हो गया हे. इसी तरह शहडोल का बाणसागर डैम महज 0.09 मीटर खाली है.


खंडवा का इंदिरा सागर डैम 0.00 खाली, खंडवा का ओंकारेश्वर डैम 1.22 मीटर खाली, राजगढ़ का मोहनपुरा डैम 0.40 मीटर खाली, गुना का गोपीकृष्ण सागर डैम 0.45 मीटर खाली, विदिशा का संजयसागर डैम 0.05 मीटर खाली, ग्वालियर का तिघरा डैम 0.40 मीटर खाली, शाजापुर का टिल्लर डैम 0.00 खाली, भोपाल का कलियासोत डैम 0.05 मीटर खाली, जबलपुर का बरगी डैम 0.59 मीटर खाली, राजगढ़ का कुंडालिया डैम 0.70 मीटर खाली और नर्मदापुरम का तवा डैम भी महज 0.10 मीटर ही खाली रह गया है.


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