MP Weather: देश भर में मौसम ने एक बार फिर करवट ली है और सर्दियों की शुरुआत धीरे-धीरे होने लगी है. मालवा क्षेत्र में आने वाले शहर इंदौर में भी ठंड शुरू होने लगी है. हालांकि, बदलते मौसम के साथ बीमारियों का खतरा भी बढ़ सकता है. शहर में बीमारियों ने पैर पसारने भी शुरू कर दिए हैं.


वैसे तो मालवा क्षेत्र में स्थित इंदौर शहर में कड़ाके की ठंड हर साल ही पड़ती है, लेकिन इस बार सर्दी समय से पहले ही अपने होने का अहसास दिलाने लगी है. हर वर्ष 15 नवंबर के बाद पड़ने वाली कड़ाके की ठंड ने नवंबर महीने की शुरुआत में ही असर दिखाना शुरू कर दिया है. इस वजह से शहर के नागरिक अभी से गर्म कपड़ों का सहारा ले रहे हैं. वहीं, एकदम से बदले मौसम के कारण बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या भी बढ़ने लगी है.


यह भी पढ़ें: Namibia Cheetah Released: नामीबिया से लाए गए 2 चीते बड़े बाड़े में छोड़े गए, कूनो में 50 दिन तक क्वारंटीन में थे


न्यूनतम तापमान 14 डिग्री तक जाने की आशंका
मौसम विभाग के जानकारों के मुताबिक, जहां आज मैक्सिमम टेंपरेचर 31 डिग्री दर्ज किया गया, तो वहीं मिनिमम तापमान 14 डिग्री रहने की संभावना है. साथ ही, क्षेत्र में ठंडी हवाओं का सिलसिला जल्द ही शुरू होने वाला है. मौसम की हरकत समय से पहले ही ठंड होने का इशारा कर रही है. अभी करीब 5-6 दिन बाद ही तेज हवा के साथ ठंड के आसार बनने लगे हैं. फिलहाल, इस बार गुलाबी ठंड का अहसास लोगों को समय से पहले ही होने लगा है, जिसकी वजह से जलवायु में भी तेजी से परिवर्तन हो रहा है.


बीमारियों का संक्रमण फैले, इससे पहले स्वास्थ्य विभाग अलर्ट
वहीं, मौसम में हो रहे परिवर्तन के चलते बीमारियों से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रहा है. इसकी जानकारी देते हुए जिला मलेरिया अधिकारी दौलत पटेल ने बताया कि अस्पताल में अभी 151 डेंगू के मरीज हैं. इनमे 27 बच्चे शामिल हैं. हालांकि, राहत की खबर यह है कि सभी बच्चों की हालत ठीक है. वहीं, स्वास्थ्य विभाग की टीम डेंगू और अन्य बीमारियों की रोकथाम के लिए दवाइयों का छिड़काव कर रही है और घर-घर जाकर डेंगू के लार्वा को नष्ट किया जा रहा है. साथ ही, गली मोहल्ला और कॉलोनियों में फॉगिंग की जा रही है.


गोरतलब है कि मौसम में बदलाव के साथ ही हर साल बीमारियों की भी शुरुआत हो जाती है. इस बार समय से पहले ही गुलाबी ठंड ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया है, वह कहीं ना कहीं स्वास्थ्य अधिकारियों के लिए एक बड़ी चुनौती साबित हो रहा है. यही वजह है कि स्वास्थ्य अधिकारियों ने बीमारियों की रोकथाम के लिए उपाय करना शुरू कर दिए हैं.