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MP Wheat Procurement: शिवराज सरकार का बड़ा फैसला, अब 31 मई तक होगी गेहूं की खरीदी
MP Wheat Procurement: कृषि मंत्री ने बताया कि शिवराज सरकार किसानों के गेहूं का एक-एक दाना खरीदने को तैयार है. सरकार ने अभी तक प्रदेश में 41 लाख 57 हजार मीट्रिक टन गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी की है.
एमपी में अब तक 41 लाख 57 हजार मीट्रिक टन गेहूं की हुई है खरीदी (प्रतीकात्मक तस्वीर)
MP Wheat Procurement: केंद्र की मोदी सरकार (Modi Government) ने गेहूं के निर्यात पर रोक लगी दी है. इसके बाद मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की शिवराज सरकार (Shivraj Government)) ने भी गेहूं खरीदी को लेकर बड़ा फैसला लिया है. अब सरकार 31 मई तक गेहूं की खरीदी करेगी. कृषि मंत्री कमल पटेल (Agriculture Minister Kamal Patel) ने ट्वीट कर किसानों से आग्रह किया है कि उन्हें चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार ने गेहूं के निर्यात पर पाबंदी लगाने के आदेश जारी किए हैं. सीएम शिवराज सिंह चौहान (CM Shivraj Singh Chouhan) ने इस आदेश के बाद समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी को लेकर 31 मई तक तारीख आगे बढ़ा दी है.
कृषि मंत्री ने बताया कि मध्य प्रदेश सरकार किसानों के गेहूं का एक-एक दाना खरीदने को तैयार है. सरकार ने अभी तक प्रदेश में 41 लाख 57 हजार मीट्रिक टन गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी की है. उन्होंने बताया कि जो किसान अपनी फसल समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पाए थे, उनके लिए सरकार ने एक बार फिर किसान हितैषी फैसला लेकर उन्हें राहत पहुंचाई है. किसान पवन चौधरी के मुताबिक सरकार 2,015 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी कर रही है, जबकि बाजार में कम से कम 2,100 रुपये का भाव मिल रहा है.
कृषि मंत्री कमल पटेल ने ट्वीट करते हुए लिखा, "किसान भाईयों–बहनों के हित में गेहूं खरीदी की अंतिम तिथि बढ़ाकर 31 मई कर दी गई है. अभी तक प्रदेश में 41 लाख 57 हजार मीट्रिक टन गेहूं की खरीदी समर्थन मूल्य पर हो चुकी है, सरकार किसान भाईयों का एक-एक दाना खरीदेगी. सभी किसान भाईयों की ओर से मान. CM श्री @ChouhanShivraj जी का आभार!"
'आर्थिक तंगहाली के दौर से गुजर रहा किसान'
उन्होंने कहा कि सरकार को समर्थन मूल्य का भाव भी बढ़ाना था. यही वजह है कि किसानों का ज्यादा रुख बाजार की ओर है. बाजार में गेहूं बेचने पर तुरंत राशि में मिल जाती है, वहीं समर्थन मूल्य पर बेचने के बाद लोगों को कई दिनों तक इंतजार भी करना पड़ता है. किसान हाकम सिंह का कहना है कि सरकार की गलत नीतियों की वजह से किसान अभी भी आर्थिक तंगहाली के दौर से गुजर रहा है. यदि पिछले 35 साल की बात की जाए तो गेहूं के दाम में 20 गुना की बढ़ोतरी हुई है, लेकिन दूसरी वस्तु सवा 100 गुना तक बढ़ गई है. ऐसी स्थिति में सरकार को समर्थन मूल्य भी बढ़ाना चाहिए.
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अनिल चमड़ियावरिष्ठ पत्रकार
Opinion: 'आस्था, भावुकता और चेतना शून्य...', आखिर भारत में ही क्यों होती सबसे ज्यादा भगदड़ की घटनाएं
Opinion