MP News: मध्य प्रदेश की डॉक्टर मोहन यादव सरकार आज (शनिवार, 15 मार्च) से गेहूं की ₹2600 प्रति क्विंटल के भाव से समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रही है. बावजूद इसके कृषि उपज मंडियों में किसान व्यापारियों को अपना माल बेच रहे हैं. इसकी सबसे बड़ी वजह किसानों को रूपयों की आवश्यकता और मंडियों में मिल रहा अधिक भाव है.
उज्जैन, इंदौर, भोपाल और नर्मदा पुरम संभाग में समर्थन मूल्य पर गेहूं की खरीदी शुरू हुई है. इसके अलावा शेष संभागों में 17 मार्च से गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी शुरू हो जाएगी. सरकार ₹2600 क्विंटल गेहूं खरीद रही है लेकिन किसान मंडियों में व्यापारियों को गेहूं बेच रहे हैं.
क्या बोले किसान?
किसान हाकम सिंह का मानना है कि सरकार को समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने पर देरी से पैसा खातों में आता है. वह उज्जैन की मंडी में अपना माल बेच रहे हैं. कृषि उपज मंडी में 2800 रुपए क्विंटल गेहूं बिक गया है. जो माल अच्छा है वह ऊंची दरों पर जा रहा है, इसलिए ₹2600 क्विंटल अनाज बेचने में उन किसानों को घाटा है जिनका गेहूं उच्च गुणवत्ता का है.
कृषि उपज मंडी उज्जैन के अधिकारी महेंद्र जैन के मुताबिक मंडी में गेहूं की बंपर आवक हो रही है.
कई केंद्रों पर नहीं हो रही खरीद
मध्य प्रदेश के चार संभागों में गेहूं की समर्थन मूल्य पर खरीदी शनिवार से शुरू करने का औपचारिक ऐलान हो चुका है. बावजूद इसके कई खरीदी केंद्रों पर खरीदी शुरू नहीं हो पाई है. उज्जैन जिले के खरीदी केंद्र पर बारदान नहीं होने की वजह से खरीदी शुरू नहीं हो पाई.
इसी प्रकार इंदौर के 91 केंद्र में से कुछ केंद्रों पर गेहूं की समर्थन मूल्य पर शनिवार को दोपहर तक खरीदी नहीं हो पाई थी. सोमवार से सभी जगह खरीदी केंद्रों पर गेहूं तुलना शुरू हो जाएंगे.
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