MP News: कोरोना की पाबंदी हटाई जाने के बाद मध्य प्रदेश का पहला मेला धार्मिक नगरी उज्जैन में शुरू हो गया है. इसकी औपचारिक शुरुआत होने के साथ व्यापारी भी मेले में जुटना शुरू हो गए हैं. कार्तिक का मेला 1 महीने तक चलेगा. कोविड-19 की वजह से पिछले 2 सालों से उज्जैन में कार्तिक का मेला नहीं लग रहा था. इस बार भी मेला लगने की संभावना कम ही जताई जा रही थी लेकिन दो दिन पहले मध्य प्रदेश सरकार ने कोविड-19 की सभी पाबंदियों को हटा दिया, जिसके बाद कार्तिक मेला लगने का रास्ता साफ हो गया.


आपको संभवत कोविड-19 में पाबंदी हटने के बाद यह प्रदेश का पहला बड़ा मेला है. उज्जैन उत्तर के विधायक पारस जैन की उपस्थिति में कार्तिक मेले की औपचारिक शुरुआत हुई. नगर निगम आयुक्त अंशुल गुप्ता ने बताया कि कार्तिक मेला 1 महीने अर्थात 17 दिसंबर तक चलेगा. क्योंकि कार्तिक मेले लगने को लेकर स्थिति स्पष्ट नहीं थी, इसलिए अभी एक-दो दिन मेले का रंग फीका जरूर रहेगा लेकिन धीरे-धीरे व्यापारी जुटना शुरू हो गए हैं. 1 सप्ताह के भीतर ही मेले का पुराना स्वरूप फिर दिखाई देगा.


नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी रईस निजामी ने बताया कि दशकों पहले कार्तिक के मेले की शुरुआत हुई थी. कार्तिक माह में स्नान के लिए बड़ी संख्या में श्रद्धालु शिप तट पर आते हैं. इसी को दृष्टिगत रखते हुए मेले का आयोजन शुरू हुआ था. कार्तिक मेले में मनोरंजन के साथ-साथ सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं. यहां पर खान-पान की दुकानें भी लगती है. कार्तिक मेले में लगभग 500 दुकानें लगाई जाती है, जिसकी अनुमति उज्जैन नगर पालिका निगम द्वारा दी जाती है. 

 

इस बार नहीं लग पाया गधे का मेला

 

कार्तिक मेले की शुरुआत गधे के मेलों से होती है. यह सिलसिला उस समय से चला रहा है, जब से कार्तिक मेले की शुरुआत हुई थी. इस बार कार्तिक मेले को लेकर संशय की स्थिति थी. मध्य प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना के प्रतिबंध हटाए जाने के बाद अचानक कार्तिक मेले की शुरुआत हुई, इसी वजह से गधे का मेला नहीं लग पाया. कार्तिक मेले के पहले दिन गधों का मेला लगता है. यह गधों का मेला देश भर में प्रसिद्ध है. यहां पर ₹50000 तक के गधे बिक चुके हैं.

 

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