Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश में इस समय निजी अस्पतालों की लगातार शिकायतों के मामले सामने आ रहे है. कभी नर्सिंग कॉलेजों का मामला आ जाता है तो या फिर किसी अस्पताल में आगजनी की घटना की खबर आ जाती है. वहीं अब मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Shivraj Singh Chouhan) के बुधनी (Budhni)विधानसभा के नसरुल्लागंज में निजी इमोटेट अस्पताल का मामला सामने आया है. डॉक्टरों की लापरवाही से महिला मरीज की मौत होने के बाद परिजनों ने हंगामा कर दिया. परिजन अस्पताल पहुंचकर जमकर नारेबाजी की और हंगामा किया. यह हंगामा काफी देर तक चलता रहा हंगामे में 200 से अधिक लोग पहुंच गए.
क्या है पूरा मामला
सीहोर जिले के नेहरू गांव निवासी साबिर उल्ला खान पत्नी रुखसार (28) को प्रसव पीड़ा होने पर 4 सितंबर की शाम को 5:00 बजे अस्पताल लेकर पहुंचा. यहां डॉक्टर बृज मोहन साहू और डॉक्टर सुभंकर वर्मा ने मरीज का इलाज शुरू किया. डॉक्टरों ने बताया कि नार्मल डिलीवरी होने वाली है. डॉक्टर के कहने पर मरीज को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया. रात में डॉक्टर ने कहा कि नार्मल डिलीवरी नहीं होगी ऑपरेशन करना होगा. इसके बाद अचानक बीती रात में ऑपरेशन से बच्ची पैदा हुई. ऑपरेशन के दौरान प्रस्तुति का ब्लड बहने लगा जो बंद नहीं हुआ. इसके बाद भोपाल के लिए रेफर कर दिया गया. भोपाल में फिर उसे एक दूसरे अस्पताल के लिए रेफर कर दिया गया. 7 सितंबर को रुखसार की मौत हो गई.
परिजनों का आरोप
मरीज के परिजन का कहना है कि इमोटेक अस्पताल के डॉक्टरों की लापरवाही से महिला की मौत हुई है. वहीं इस पूरे मामले पर मृतक रुखसार के पति साबिर उल्ला खान का कहना है 4 सितंबर को जब वह पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा. तब डॉक्टर शुभंकर वर्मा और डॉक्टर ब्रजमोहन साहू ने मरीज की जांच करने के बाद कहां इन्हें नार्मल डिलीवरी होगी. रात में मुझसे कहा कि ऑपरेशन करना होगा. ऑपरेशन के दौरान मेरी पत्नी की गलत नस कट गई जिससे उसका खून बहने लगा डॉक्टर ने मुझे दूसरे दिन जब बताया तब हालत खराब होने लगी. तब भोपाल रेफर किया हम मरीज को भोपाल नवोदय अस्पताल लेकर पहुंचे जहां हालत और खराब होने पर बंसल अस्पताल लेकर पहुंचे. पीड़ित का दर्द है कि उसके दो छोटे बच्चे हैं परिजनों ने कहा कि आरोपी इमोटेक अस्पताल के डॉक्टरों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए. अस्पताल को तत्काल बंद कराएं नहीं तो उग्र आंदोलन करेंगे. इमोटेक अस्पताल के डॉक्टर शुंभकर वर्मा का कहना है हमारी ओर से मरीज के इलाज में किसी प्रकार की कोई भी लापरवाही नहीं की गई.