NEET UG 2024: नीट के छात्रों को मिला एमपी कांग्रेस का समर्थन, पार्टी के यूथ विंग ने भोपाल में धरना कर दी चेतवानी
NEET UG Results 2024: नीट परीक्षा और मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले के विरोध में शुक्रवार को कांग्रेस यूथ विंग ने भोपाल में धरना प्रदर्शन कर रहे हैं. कार्यकर्ताओं ने गुरुवार को भी धरना दिया था.
NEET UG 2024: नीट परीक्षा 2024 को लेकर अब तक अभ्यर्थियों की ओर से विरोध प्रदर्शन किया जा रहा था, लेकिन अब इन अभ्यर्थियों को कांग्रेस के यूथ विंग का भी साथ मिल गया है. गुरुवार (20 जून) को मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल (Bhopal) के लिली टॉकीज क्षेत्र में युवा कांग्रेस द्वारा विरोध प्रदर्शन कर पुतला जलाया गया. युवा कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि नीट परीक्षा में हुई गड़बड़ी को लेकर प्रदेश भर में आंदोलन किया जा रहा है.
उन्होंने कहा कि शुक्रवार को प्रदेश के सभी जिलों में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी से मिले निर्देशों के बाद नीट घोटाले और मध्य प्रदेश में हुए नर्सिंग घोटाले के विरोध में धरना दिया जा रहा है. धरना प्रदर्शन दोपहर 12 बजे से शुरू हुआ. नीट परीक्षा घोटाले को लेकर बीते दिनों प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भी सवाल खड़े किए थे. जीतू पटवारी ने लिखा कि "सीरियल नंबर 62 से लेकर 69 तक कुल 8 छात्र में से 6 छात्रों ने रैंक 1 हासिल की. इन सभी को 720 में से 720 अंक मिले."
जीतू पटवारी ने किए ये सवाल
युवा कांग्रेस के नेताओं का कहना है, "इन सभी ने बहादुरगढ़ स्थित एक ही एग्जाम सेंटर पर परीक्षा दी थी. इन्हें कैसे 718, 719 नंबर मिले? यह सवाल इसलिए कि कई छात्रों को 718, 719 अंक दिए गए. एनटीए ने कहा था कि उन्हें ये अंक ग्रेस मार्क के तौर पर दिए गए हैं. नीट का पेपर 720 अंक का होता है और नीट की तैयारी कर रहा बच्चा भी यह जानता है कि हर सवाल के चार अंक मिलते हैं. हर गलती के एक अंक कटते हैं. अब ऐसे में यदि कोई एक सवाल छोड़ देता है, तो उसे 716 अंक मिलेंगे. यदि कोई सिर्फ एक सवाल गलत करता है तो उसे 715 अंक मिलेंगे, ऐसे में 718, 719 नंबर पाना असंभव है."
पीसीसी चीफ जीतू पटवारी ने सवाल किया था कि ग्रेस मार्क जैसी सुविधा बिना जानकारी के क्यों लागू की गई. इसीलिए देश के लाखों स्टूडेंट्स अब बिना ग्रेस मार्क के नीट की ओरिजिनल मेरिट लिस्ट जारी करने की मांग कर रहे हैं.
वहीं मांग तो ये भी है कि जिन सेंटरों पर ग्रेस मार्क दिए गए हैं, उनका नाम बताया जाए. पूछा तो यह भी जाना चाहिए कि ग्रेस मार्क पाने का आधार क्या है? कितना समय बर्बाद होने पर कितने नंबर दिए गए. समय बर्बाद होने के कथित कारण कितने असली हैं. सेंटर्स पर इसकी निगरानी करने वाले कितनी ईमानदारी से इस व्यवस्था को देख और परख रहे थे. अब इसे लेकर कांग्रेस की ओर से देश भर में प्रदर्शन किया जा रहा है.