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MPPSC: एमपी पीएससी का बड़ा फैसला, अभ्यर्थियों को इसके लिए मिलेंगे पूरे नंबर, जानें किसे होगा फायदा?
MP News: एमपी पीएससी ने अभ्यर्थियों के सहूलियत को ध्यान में रखते हुए बड़ा फैसला किया है. इस फैसले के बाद प्रतियोगी परीक्षा में डिलीट हुए प्रश्न पर अभ्यर्थियों को पूरे नंबर मिलेंगे.
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MPPSC News: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MP PSC) ने डिलीट प्रश्नों को लेकर एक बड़ा फैसला किया है. आयोग ने सोमवार (20 नवंबर) को इस मामले पॉलिसी में बदलाव करते हुए अहम फैसला किया. आयोग ने बदलाव करने के बाद अब डिलीट किए गए सवालों के पूरे अंक अभ्यर्थीयों को दिए जाने का फैसला किया है. इसका मतलब ये है कि अब ये सवाल खारिज नहीं होंगे. अभी तक होता ये था कि अगर एमपी पीएससी किसी प्रश्न को हटा देता था तो उसके अंक भी साथ में हट दिए जाते थे. शेष प्रश्नों के आधार पर नंबर दिए जाते थे और मेरिट के लिए रिजल्ट तैयार किया जाता था.
एमपी पीएससी ने डीलीट प्रश्रों को लेकर क्या बड़ा फैसला किया है? आइए इसे आसान भाषा में समझते हैं. मानकर चलिए कि अगर कोई प्रश्नपत्र 200 अंकों का है. यदि उसमें से दो-दो अंक वाले पांच प्रश्नों को हटाया गया, तो पहले के नियम अनुसार इन पांच प्रश्नों के कुल दस अंको को 200 अंकों में से हटाकर 190 अंकों के आधार पर रिजल्ट तैयार किया जाता था. नियमल में बदलाव के बाद अब 190 के बजाए 200 अंकों के आधार पर नया रिजल्ट तैयार होगा. किसी कारणवश प्रश्न हटाए गए हैं, तो उनके अंक भी सभी अभ्यर्थियों को दिए जाएंगे.
क्यों हटाए जाते हैं प्रश्न?
दरअसल, जिस सवाल को एमपी पीएससी हटाता है, उसे हटाने के दो आधार होते हैं. पहला ये कि अगर उस प्रश्न के उत्तर एक से अधिक हों, दूसरा स्थिति ये कि जो विकल्प दिए गए हैं उनमें से एक भी उत्तर सही नहीं है. ऐसे में इस प्रश्नों को हटाने का फैसला लिया जाता है. बीते कुछ सालों में प्रतियोगी परीक्षाओं से प्रश्न हटाने के बाद कई अभ्यर्थियों सालों की मेहनत पर पानी फिर जाता था. यही कारण है कि साल 2020 की परीक्षा में कोर्ट के दखल के बाद आयोग को 15 फेल अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा में शामिल करना पड़ा था.
आयोग की इस मामले में हुई किरकिरी
इस मामले के बाद 25 जुलाई को राज्य सेवा और राज्य वन सेवा परीक्षा में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की जमकर किरकिरी हुई थी. जहां फाइनल आंसर शीट में पहले प्रश्नपत्र सामान्य अध्ययन के चार प्रश्नों के दो उत्तरों को आयोग ने सही माना था. इसी तरह सामान्य अभिरूचि के 17 प्रश्नों को त्रुटिपूर्ण या गलत मानते हुए हटाना पड़ा था. इस मामलें एक्सपर्ट की मानें तो इस नई प्रणाली से उन अभ्यर्थियों को फायदा होगा, जो सभी प्रश्न सही करके आए हैं.
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