MPPSC Result: जबलपुर का लाल बनेगा डिप्टी कलेक्टर, शिरीष प्यासी को MPPSC की परीक्षा में मिली 12वीं रैंक
MPPSC Exam 2021 Result: साल 2019 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतिम साल से उन्होंने सिविल सेवा की ठान ली थी. 2020 में सफलता नहीं मिलने पर हिम्मत नहीं हारी. दूसरे प्रयास में शिरीष को बड़ी सफलता मिली.
MPPSC Exam 2021 Result: जबलपुर के शिरीष प्यासी ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) की राज्य सेवा परीक्षा 2021 में सफलता का परचम लहराया है. मेरिट में शिरीष प्यासी ने 12वां स्थान हासिल किया है. नतीजों की घोषणा के बाद शिरीष अब डिप्टी कलेक्टर बनेंगे.
सरस्वती शिशु मंदिर के रिटायर्ड शिक्षक राजेन्द्र प्यासी के बेटे शिरीष की उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है. शिरीष का कहना है कि दूसरे प्रयास में सफलता मिली. उन्होंने सफलता का श्रेय माता पिता और शिक्षकों को दिया है. सिलेबस का बेहतर ढंग से अध्ययन कर उन्होंने प्रदेश में 12वां स्थान हासिल किया.
शिरीष का संकल्प समाज के अंतिम पायदान पर खड़े व्यक्ति तक मदद पहुंचाने का है. उन्होंने बताया कि शिक्षकों के साथ परिवार का भी समर्थन मिला. परिवार ने विषम परिस्थिति में लड़ना सिखाया. बेटे की सफलता पर पिता राजेन्द्र प्यासी, मां इंदुलता प्यासी बेहद खुश हैं. बड़ी बहन सौम्य प्यासी की भी खुशी का ठिकाना नहीं है. परिवार बेटे की सफलता पर गौरवान्वित है. मां इंदुलता का कहना है कि बेटे की पढ़ाई के प्रति रुचि देखकर हैरान रह जाती थी. बेटे ने शौक खत्म कर सिर्फ तैयारी पर फोकस किया.
MPPSC राज्य सेवा परीक्षा 2021 में जबलपुर के शिरीष प्यासी ने मेरिट में 12वां स्थान हासिल किया है.शिरीष अब डिप्टी कलेक्टर बनेंगे.रिटायर्ड शिक्षक राजेन्द्र प्यासी के बेटे शिरीष प्यासी की इस उपलब्धि से पूरे परिवार में खुशी का माहौल है.#MPPSC @abplive @DrMohanYadav51 pic.twitter.com/mIrAPNH7X6
— AJAY TRIPATHI (ABP News) (@ajay_media) June 7, 2024
जबलपुर के लाल ने MPPSC की परीक्षा में हासिल किया 12वां स्थान
उसका परिणाम आज सबके सामने है. पिता भी बेटे की उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे हैं. राजेन्द्र प्यासी का कहना है कि बेटे की कड़ी मेहनत रंग लाई. एबीपी लाइव से बातचीत में शिरीष ने सफलता के टिप्स शेयर किये. उन्होंने बताया कि 2020 में नाकामी हाथ लगने के बावजूद निराश नहीं हुए. अगले साल दोबारा मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की परीक्षा दी. पहले प्रयास में शिरीष मेंस की परीक्षा पास नहीं कर सके थे. दूसरे प्रयास में उन्होंने 12वां स्थान हासिल कर लिया. तैयारी के लिए उन्होंने कोचिंग का भी सहारा लिया. 2019 में मैकेनिकल इंजीनियरिंग के अंतिम साल से उन्होंने सिविल सेवा की ठान ली थी.
शिरीष को शिक्षकों के साथ परिवार वालों का साथ भी मिला. उन्होंने हर परिस्थितियों से लड़ना सिखाया.बेटे की सफलता पर पिता राजेन्द्र प्यासी, मां इंदुलता प्यासी और बड़ी बहन सौम्य प्यासी बहुत खुश है. शिरीष की मां इंदुलता का कहना है कि बेटे की पढ़ाई के प्रति रुचि देखकर हैरान रह जाती थी. बेटे ने सारे शौक खत्म करके केवल पढ़ाई पर ही फोकस किया. पिता भी बेटे की उपलब्धि पर फूले नहीं समा रहे है. उनका कहना है कि उनके बेटे की कड़ी मेहनत रंग लाई.
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