Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के इंदौर (Indore) में स्टूडेंट्स ने आज (10 फरवरी) को मप्र लोक सेवा आयोग (MPPSC) के खिलाफ एक बार फिर विरोध प्रदर्शन करने की तैयारी की है. इसको लेकर स्टूडेंट्स मीटिंग आयोजित की, जहां यह फैसला किया गया कि मप्र लोक सेवा आयोग के खिलाफ छात्र इस बार अनिश्चित कालीन धरने पर बैठेंगे. 


इस आंदोलन को लीड कर रहे आकाश पाठक ने बताया कि हम छात्रों ने 34 घंटे तक MPPSC के सामने धरना दिया था. जिसके बाद आयोग ने हमने से समय मांगा था, तो हमने 48 घंटे का समय आयोग को दिया था, लेकिन आयोग ने अभी तक छात्रों के हित में फैसला नहीं लिया है. इसलिए अब सभी स्टूडेंट्स ने फैसला लिया कि हम अब अपनी 11 सूत्रीय मांगों के साथ अनिश्चित कालीन हड़ताल करेंगे.


शांतिपूर्ण तरीके से होगी हड़ताल
आकाश ने आगे कहा कि यह हड़ताल शांतिपूर्ण तरीके से होगी और महात्मा गांधी के बताए गए सत्य और अहिंसा के रास्ते पर आधारित होगी. छात्रों ने प्रदेश के मुखिया मुख्यमंत्री डॉक्टर मोहन यादव से आग्रह किया कि उनकी मांगों पर वह संज्ञान लें. आकाश ने बताया कि MPPSC ने पूर्व में भी कहा था कि प्री परीक्षा के परिणाम के बाद 90 दिन का समय दिया जाएगा, लेकिन अब आयोग कह रहा है कि छात्र कम्प्रोमाइज कर लें, क्योंकि आयोग कैलेंडर सुधारना चाहता है. 


मांगें पूरी होने तक छात्र करेंगे हड़ताल 
आकाश ने आरोप लगाया कि MPPSC द्वारा उसी कैलेंडर में उल्लिखित असिस्टेंट प्रोफेसर, ADPO के इंटरव्यू और राज्यवन सेवा परीक्षा की जो डेट थी आयोग ने खुद से उनको बढ़ा दिया, तब आयोग को कैलेंडर फॉलो नहीं करना था. आयोग ने पांच साल से कैलेंडर फॉलो नहीं किया. MPPSC 2019 परीक्षा का अंतिम परिणाम 2024 में जारी किया गया जो अभी भी विवाद में है और सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिकाओं के अधीन है. छात्रों ने कहा है कि जब तक मांगें पूरी नही होंगी, वह हड़ताल पर ही रहेंगे. अगर बात नहीं मानी गई तो छात्र भूख हड़ताल भी करेंगे.


छात्रों ने की ये मांग



  • MPPSC 2023 मुख्य परीक्षा की डेट बढ़ाई जाए.

  • MPPSC 2024 राज्यसेवा भर्ती परीक्षा 2024 में पदों की संख्या 110 की जगह 500 की जाए.

  • 87, 13, 13% फॉर्मूला खत्म किया जाए और 100% के साथ परिणाम जारी किया जाए.

  • मुख्य परीक्षा की कॉपी आयोग की वेबसाइट पर डाली जाए, ताकि छात्र अपनी गलती सुधार सकें जैसा अन्य राज्यों के लोकसेवा आयोग द्वारा किया जाता है.

  • इंटरव्यू के नंबर यदि अधिक दिए जाते या कम दिए जाते हैं, तो इसका कारण लिखा जाए जैसा BPPSC के द्वारा किया जाता है.

  • 2025 से प्रारंभिक परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग शुरू की जाए जैसा कि अन्य राज्यों में किया जाता है.



ये भी पढ़ें: MP News: PM मोदी झाबुआ से करेंगे लोकसभा चुनाव प्रचार का आगाज, दौरे को लेकर इंदौर में कड़ी सुरक्षा-व्यवस्था