MPPSC के रिजल्ट में छिंदवाड़ा में चाय बेचने वाले की बेटी ने मारी बाजी, अब बनेगी DSP, जानें सफलता की पूरी कहानी
MPPSC Result 2024: मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा की निशा डेहरिया, एक साधारण चाय विक्रेता की बेटी, ने अपनी कड़ी मेहनत से एमपीपीएससी परीक्षा में डीएसपी के पद पर चयनित होकर अपने परिवार को गौरवान्वित किया है.
Success Story Nisha Dehariya: मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा में एमपीपीएससी के रिजल्ट में चांदामेटा की निशा डेहरिया डीएसपी के पद पर चयनित हुई हैं. वर्तमान में वे छिंदवाड़ा कलेक्ट्रेट में कार्यरत हैं. साधारण परिवार की निशा डेहरिया ने अपनी मेहनत से ऊंची छलांग लगाई है.
आज उनके परिवार में बधाई देने वालों का तांता लगा रहा. निशा डेहरिया के पिता संदीप डेहरिया चांदामेटा में बाजार रोड पर चाय की दुकान चलाते हैं. उनके परिवार की मेहनत और संघर्ष का नतीजा आज सुखद आया. बेटी के इतने बड़े पद पर चयनित होने के बाद भी वे आज दुकान पर थे. बेहद कम शैक्षणिक योग्यता के संदीप डेहरिया के बच्चे प्रतिभाशाली निकले.
छिंदवाड़ा जिले की होनहार बिटिया निशा डहरिया का मध्यप्रदेश लोकसेवा आयोग की परीक्षा पास करने पर उप पुलिस अधीक्षक (DSP) पद पर चयन हुआ है।
— Kamal Nath (@OfficeOfKNath) June 7, 2024
मैं छिन्दवाड़ा की बेटी निशा एवं उनके परिजनों को इस शानदार उपलब्धि के हार्दिक बधाई देता हूँ एवं उत्कृष्ट सेवाकाल के लिये शुभकामनाएँ देता हूँ। pic.twitter.com/X4BEs8ia8w
प्रशासनिक अधिकारी बनने की है इच्छा
उनकी बड़ी बेटी निशा डेहरिया पहले पटवारी के पद पर चयनित हुईं. इसके बाद वे के सांख्यिकी विभाग में चयनित हुईं. इस बार वे पीएससी से सीधे डीएसपी बनने में कामयाब रहीं. उनके पिता संदीप डेहरिया ने बताया कि प्रशासनिक अधिकारी बनने की निशा की इच्छा है. एसडीएम बेटी बनना चाहती हैं. उन्होंने कहा कि बेटी की इस उपलब्धि से वे बेहद प्रसन्न हैं.
पिता किराए की दुकान में बेचते है चाय
डीएसपी बनी निशा डेहरिया के पिता संदीप डेहरिया की पिछले 30 वर्षों से चाय की दुकान से अपने पूरे परिवार का भरण पोषण कर रहे है. निशा की दो छोटी बहनें और एक छोटा भाई हैं. पिता संदीप दुकान का किराया देकर बड़ी मुश्किल से 10 से 15 हजार रुपये प्रतिमाह कमाई कर जुटाकर परिवार का भरण पोषण कर रहे है.
निशा को आर्थिक दिक्कत नहीं आई आड़े
निशा ने अपनी प्रारंभिक पढ़ाई छिंदवाड़ा में ही की टॉपर होने की वजह से निशा को छात्रवृत्ति मिलती रही है, जिससे वह धीरे धीरे अपनी मंजिल की ओर बढ़ती रही. निशा ने बीएससी मैथ्स से पढ़ाई पूरी करने के बाद पटवारी बनी, इसके बाद सांख्यिकी विभाग में क्लर्क की जॉब लगीं. पिछले 4 वर्षों से नौकरी करते हुए टाइम मैनेजमेंट करते हुए पीएससी की सेल्फ स्टडी करते हुए तीसरे बार में सिलेक्ट हुई और डीएसपी बनी.
नहीं कर पाए गौरव के पलों का बखान
बेहद सरल स्वभाव के संदीप डेहरिया इतने भोले हैं कि बेटी के गौरव के पलों का बखान भी नहीं कर पाए. एक चाय की दुकान चलाने वाले सीधे, सरल और भोले पिता के लिए अपनी बेटी को इस उपलब्धि तक पहुंचाना कितना कठिन रहा होगा. आज चांदामेटा की बेटी के डीएसपी बनने की खबर सुनने के बाद सभी उन्हें बधाई देने आए.
(छिंदवाड़ा से सचिन पांडे की रिपोर्ट)
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