Madhya Pradesh MPPSC Results: मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) ने मंगलवार (26 दिसम्बर) को राज्य सेवा परीक्षा-2019 का फाइनल रिजल्ट घोषित कर दिया. डिप्टी कलेक्टर श्रेणी में सतना की प्रिया पाठक ने टॉप किया है. इसी तरह डीसीपी श्रेणी में रुचि जैन को पहला स्थान मिला है. फिलहाल ओबीसी आरक्षण का मामला मध्य प्रदेश कोर्ट में लंबित रहने के कारण 13 फीसदी पदों पर नियुक्तियां रोकी गई हैं. अभी 87 फीसदी पदों (मुख्य भाग में शामिल) पर चयन सूची जारी की गई है.सूची में लड़कियों का बोलबाला है.टॉप 10 में 7 लड़कियां हैं.
मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग की ओर से बताया गया है कि कुल 484 पदों के लिए चयन सूची जारी होनी थी, लेकिन इनमें से 12 पदों (दिव्यांग व अन्य कोटे) के लिए योग्य उम्मीदवार नहीं मिले. इसलिए 472 पदों के लिए फाइनल रिजल्ट जारी हुआ है. बाकी पदों के लिए ओबीसी आरक्षण से जुड़े मामलों में मध्यप्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद सूची जारी होगी.अब 2019 के इन अभ्यर्थियों के साथ ही 2020 के अभ्यर्थियों को भी नियुक्ति मिलने का रास्ता साफ हो गया है.
डिप्टी कलेक्टर श्रेणी में दूसरे पर शिवांगी बघेल और तीसरे नंबर पर पूजा सोनी
आयोग द्वारा जारी डिप्टी कलेक्टर श्रेणी की सूची में पहले नंबर पर प्रिया पाठक, दूसरे पर शिवांगी बघेल और तीसरे नंबर पर पूजा सोनी हैं. इनके अलावा राहुल कुमार पटेल, निधि मिश्रा, हरनीत कौर कलसी, सौरभ मिश्रा, सलोनी अग्रवाल, रीतिका पाटीदार, आशुतोष मह्मदेव सिंह ठाकुर के नाम मेरिट लिस्ट में हैं. डीएसपी पद के लिए चयनित अभ्यर्थियों की सूची में पहला नाम रुचि जैन, दूसरा ललित बैरागी और तीसरा हर्ष राठौर का है. 24 डिप्टी कलेक्टर, 19 डीएसपी, 17 कोषालय अधिकारी समेत वाणिज्यिक कर अधिकारी, जिला आबकारी अधिकारी, जिला पंजीयक जैसे पदों के लिए चयन सूची घोषित की गई है. इन तमाम पदों के लिए 87 प्रतिशत के अनुपात में ही चयन सूची जारी की गई है. शेष 13 प्रतिशत अभ्यर्थियों के नाम होल्ड पर रख दिए गए हैं. 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण पर कोर्ट का निर्णय आने के बाद ही शेष 13 प्रतिशत पदों के लिए परिणाम आएंगे.
2019 में चयन प्रक्रिया के तहत दो अलग-अलग मुख्य परीक्षाएं
यहां बताते चलें कि 2019 में चयन प्रक्रिया के तहत दो अलग-अलग मुख्य परीक्षाएं ली गईं और उस आधार पर एक रिजल्ट जारी किया गया.इससे पहले पीएससी मुख्य परीक्षा का रिजल्ट दो बार बदल चुका है.साथ ही इंटरव्यू में चयनित उम्मीदवारों की सूची भी बदली गई है.चयन प्रक्रिया को लेकर कोर्ट में प्रकरण लंबित है. इस चयन प्रक्रिया और एक चयन के लिए अलग-अलग परीक्षाएं लेने और नॉर्मलाइजेशन के फार्मूले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिकाएं लग चुकी हैं.दरअसल,अगस्त 2023 में हाई कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश के जरिए 389 अभ्यर्थियों को इंटरव्यू में शामिल करने का आदेश दिया था. पीएससी इसके खिलाफ फिर कोर्ट में गया.आयोग ने कहा कि कोर्ट ने पुराने आदेश को रद्द कर दिया है.
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