Yati Narsinghanand Saraswati Controversy: पैगंबर मोहम्मद पर यति नरसिंहानंद सरस्वती के कथित आपत्तिजनक टिप्पणी से बवाल मचा हुआ है. देश भर में गाजियाबाद के महंत यति नरसिंहानंद का जमकर विरोध किया जा रहा है. पुलिस को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई करने की मांग की जा रही है. पैगंबर मोहम्मद की शान में यति नरसिंहानंद सरस्वती की गुस्ताखी से मुस्लिम समाज आहत है. मुसलमान सड़कों पर उतरकर पैगंबर की शान में गुस्ताखी करने वाले यति नरसिंहानंद सरस्वती के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं.


मध्य प्रदेश के इंदौर में भी अईम्मा काउंसिल और अन्जुमन इस्लाहुल मुस्लेमीन ने पुलिस कमिश्नर को ज्ञापन सौंपा है. मुस्लिम प्रतिनिधिमंडल की अगुवाई मुफ्ती ए मालवा नुरूल हक और मुफ्ती ए शहर साबिर मिस्बाही ने की. उन्होंने बताया कि पैगंबर ए इस्लाम के खिलाफ गुस्ताखी बर्दाश्त नहीं की जायेगी. पुलिस कमिश्नर को सौंपे गये ज्ञापन पत्र में यति नरसिंहानंद सरस्वती को गिरफ्तार करने की मांग की गयी है. मुफ्तियों ने कहा कि हुजूर की शान में गलत शब्दों के इस्तेमाल से मुसलमानों की भावना आहत हुई है. यति नरसिंहानंद सरस्वती की गुस्ताखी नाकाबिले माफी है.


इंदौर में मुसलमानों ने पुलिस कमिश्नर को सौंपा ज्ञापन


मुफ्ती ए शहर साबिर मिस्बाही ने सरकार से ईश निंदा कानून बनाने की मांग की. उन्होंने कहा कि ईश निंदा कानून बनाने की लगातार मांग की जा रही है. ज्ञापन में कहा गया है कि हमारे देश की गंगा जमुनी तहजीब रही है. भारत में सभी धर्मों के लोग मिलजुल कर रहते हैं और एक दूसरे के धर्मगुरुओं का सम्मान करते हैं. किसी धर्म के खिलाफ अपमान करने का हक नहीं होना चाहिए. अपमान करने वाले को कठोर सजा मिलनी चाहिए. बता दें कि यति नरसिंहानंद सरस्वती के विवादास्पद बयान पर राजनीतिक दलों की तरफ से भी तीखी प्रतिक्रिया सामने आ रही है. 


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