MP: खंडवा में ज्ञानवापी मामले पर मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता सज्जाद नोमानी बोले- 'देश में इस समय...'
Khandwa News: ख़लील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी ने कहा कि हमारी सांस्कृतिक विरासत कभी ऐसी नहीं रही कि मंदिर वाले मस्जिद वालों से बात न करें या मस्जिद वाले मंदिर वालों से बात ना करें.

Madhya Pradesh News: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले (Khandwa) के ईदगाह मैदान में शुक्रवार (16 फरवरी) रात एक जलसे का आयोजन मुस्लिम समाज द्वारा किया गया. इसमें भारतीय इस्लामिक जानकार और ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के प्रवक्ता ख़लील-उर-रहमान सज्जाद नोमानी शामिल हुए. यहां उन्होंने कहा कि हर मुद्दे पर बैठ कर बात की जा सकती है. हमारी सांस्कृतिक विरासत कभी ऐसी नहीं रही कि मंदिर वाले मस्जिद वालों से बात न करें या मस्जिद वाले मंदिर वालों से बात ना करें. उन्होंने कहा कि देश में इस समय नफरत का प्रोपेगैंडा फैलाया जा रहा है, जिसमें दोनों ही तरफ के लोग फंस रहे हैं.
देश की राजधानी दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन पर मीडिया से बात करते हुए इस्लामिक स्कॉलर नोमानी ने कहा कि मुल्क के किसान अगर सरकार के खिलाफ सड़क पर आ गए हैं, तो यह अच्छी बात नहीं है. सरकार को उनकी बात सुननी चाहिए, किसानों को लेकर सिर्फ प्रोपेगेंडा फैलाया जा रहा है. इसके साथ ही ज्ञानवापी मस्जिद पर दोनों पक्षों के बीच चल रहे कोर्ट के मामले पर बात करते हुए उन्होंने कहा कि, हर मसले पर बातचीत हो सकती है और होनी चाहिए.
मौलाना @msajjadnomani ने #खंडवा में #ज्ञानवापी मसाले के सवाल पर कहा बैठ के बातचीत से हर मसले का हल निकाला जा सकता, #2024 में #भाजपा आई तो संविधान बदल दिया जाएगा ये बात मैं नही देश का बुद्धिजीवी महसूस कर रहा है किसान सड़क पर है #kisanprotest #DemocracyUnderAttack #ElectoralBonds pic.twitter.com/j8AqPOB7Zf
— Shaikh Shakeel (@Shaikh0733) February 16, 2024
'संविधान बदलने की बात मैंने अकेले नहीं की'
वहीं उन्होंने एक बार फिर अपने पिछले बयानों पर बात करते हुए कहा कि साल 2024 में संविधान बदलने की बात वह अकेले ही नहीं कह रहे. यदि बीजेपी सरकार फिर से सत्ता में आती है, तो संविधान बदल दिया जाएगा, यह बात तो देश के हजारों पढ़े लिखे लोग कह रहे हैं. जब संविधान बदल दिया जाएगा, तब आप किसी थाने में भी अपनी शिकायत दर्ज करने नहीं जा सकते, कोर्ट नहीं जा सकते है.
'सब तो लूटमार में लगे हुए हैं'
मीडिया से चर्चा के दौरान मौलाना नोमानी ने कहा कि देश के हालात के लिए उलेमाओं को पहले से ही आवाम के बीच आ जाना चाहिए था. उलेमाओं को मदरसों में संस्कृत को दाखिल करना चाहिए, जिसके साथ ही इंग्लिश, इतिहास, समाजशास्त्र, फिजिक्स, केमिस्ट्री, बॉयालोजी, राजनीति, अर्थशास्त्र और जियोग्राफी जैसे विषय पढ़ाना चाहिए, वरना इस मुल्क को तबाही से कौन बचाएगा? उन्होंने कहा कि सबके सब तो लूटमार में लगे हुए हैं. सियायतदान अब इस मुल्क को ठीक नहीं कर सकते हैं. सुप्रीम कोर्ट ने अभी चुनावी बॉन्ड को लेकर एक जजमेंट दिया है. कोर्ट ने इसे असवैंधानिक माना है. कॉस्टिट्यूसन के होते हुए सरकार नए-नए कानून बना रही है.
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