Ujjain News: धार्मिक नगरी उज्जैन में एकमात्र ऐसा भी मंदिर है जो नाग पंचमी का अवसर पर वर्ष भर में एक बार आम श्रद्धालुओं के लिए 24 घंटे के लिए खोला जाता है. इस मंदिर को लेकर कई प्राचीन मान्यताएं भी हैं.उज्जैन के महाकालेश्वर मंदिर के द्वितीय तल पर स्थित नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट खोल दिए गए हैं.नाग पंचमी के अवसर पर साल भर में एक बार मंदिर के कपाट खोले जाते हैं. मंदिर में दर्शन करने के लिए अपार जनसमूह उमड़ रहा है. सोमवार की रात 12:00 बजे मंदिर के कपाट एक बार फिर बंद कर दिए जाएंगे.
कब खुलता है नागचंद्रेश्वर महादेव का मंदिर
उज्जैन में नाग पंचमी के अवसर पर नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के कपाट महानिर्वाणी अखाड़े के साधु संतों द्वारा पूजा अर्चना के बाद खोल दिए गए. महानिर्वाणी अखाड़े के गादीपति विनीत गिरी महाराज ने बताया कि रात 12:00 बजे मंदिर में त्रिकाल पूजा हुई, जिसके बाद मंदिर के कपाट 24 घंटे के लिए श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिए गए. मंदिर में इस बार रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धालुओं के पहुंचने की संभावना जताई जा रही है. नागचंद्रेश्वर मंदिर में दर्शन करने को लेकर श्रद्धालुओं के बीच कई मान्यताएं हैं. विनीत गिरी महाराज के मुताबिक जिन श्रद्धालुओं की कुंडली में कालसर्प दोष होता है. उन्हें दर्शन करने मात्र से दोष से मुक्ति मिल जाती है. मंदिर को लेकर और भी कई प्राचीन मान्यताएं हैं.नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर में सोमवार दोपहर 12:00 बजे शासकीय पूजा भी होगी.
50 मिनट में नागचंद्रेश्वर महादेव के दर्शन का दावा
जिला प्रशासन की ओर से 6 लाख से ज्यादा श्रद्धालुओं के मंदिर पहुंचने की संभावना जताई गई है.इसके अलावा मंदिर सुरक्षा के भी कड़े इंतजाम किए गए हैं. उज्जैन के कलेक्टर कुमार पुरुषोत्तम के मुताबिक नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने आने वाले श्रद्धालुओं को 50 मिनट के अंदर दर्शन हो जाएंगे. कर्कराज मंदिर से श्रद्धालुओं की एंट्री होगी और वे सीधे पृथक रास्ते से नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर पहुंच जाएंगे.कलेक्टर ने बताया कि मंदिर के कपाट खुलने के 4 घंटे पहले से श्रद्धालु कतार में लग गए थे.
आम और खास के लिए अलग-अलग रास्ते
चुनावी साल होने की वजह से नाग पंचमी के अवसर पर राजनेता या अन्य कोई वीआईपी महाकालेश्वर मंदिर अथवा नागचंद्रेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन करने के लिए पहुंचता है तो मंदिर समिति द्वारा उनके लिए अलग से इंतजाम किए गए हैं.कलेक्टर कुमार गौतम के मुताबिक वीआईपी के लिए अलग रास्ता बनाया गया है, लेकिन आगे चलकर दोनों रास्ते एक हो जाते हैं.
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