Nakul Nath on Defeat in Chhindwara Election: लोकसभा चुनाव 2024 के नतीजे जारी होने के बाद मध्य प्रदेश के कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं में मायूसी छाई है. इसी बीच पार्टी के कार्यकर्ताओं से कमलनाथ और नकुलनाथ ने मुलाकात की और उनका मनोबल बढ़ाने की कोशिश की. रिजल्ट के दूसरे दिन ही बुधवार सुबह कमलनाथ छिंदवाड़ा पहुंचे. उनकी और बेटे नकुलनाथ की मौजूदगी में कांग्रेस ने हार पर मंथन किया.
इस बैठक में नकुलनाथ ने लोकसभा चुनाव में पूरी ताकत और मेहनत से जुटे रहे नेताओं और कार्यकर्ताओं का आभार जताया. नकुलनाथ ने कहा ने कहा, "चुनाव में हार-जीत लगी रहती है, लेकिन इससे हमारे पारिवारिक रिश्तों में कभी कोई कमी नहीं आएगी. मैं हमेशा कहता हूं और अब दोहरा रहा हूं कि हमारा राजनीतिक नहीं बल्कि पारिवारिक रिश्ता है और आगे भी रहेगा. आज मैं दिल्ली जा रहा हूं लेकिन बोरिया बिस्तर बांधकर नहीं बल्कि बोरिया-बिस्तर बांधकर वापस छिंदवाड़ा आने के लिए जा रहा हूं. अब तीन महीने बाद हमारे सामने अमरवाड़ा विधानसभा की चुनौती है. इस चुनाव में रिकॉर्ड मतों से जीतेंगे, तभी आप सभी की असली जीत होगी."
जनता का फैसला स्वीकारता हूं- कमलनाथ
नागपुर रोड स्थित एक होटल में हुई बैठक को जिला कांग्रेस अध्यक्ष विश्वनाथ ओक्टे, प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष गंगाप्रसाद तिवारी ने भी संबोधित किया. बैठक में जामई विधायक सुनील उइके, परासिया विधायक सोहन वाल्मीक, पांढुर्ना विधायक निलेश उइके, सौंसर विधायक विजय चौरे, चौरई विधायक सुजीत चौधरी, महिला कांग्रेस अध्यक्ष किरण चौधरी, शहर कांग्रेस समन्वयक आनंद बक्षी सहित तमाम प्रमुख नेता उपस्थित रहे. पूर्व सीएम कमलनाथ ने कहा, "छिंदवाड़ा की जनता का निर्णय स्वीकारता हूं."
कमलनाथ ने कहा, "मैंने जिले के विकास और जिले को पहचान दिलाने के लिए अपनी जवानी समर्पित कर दी. मैंने विकास के लिए हर एक काम कराया, चाहे स्किल सेंटर हो या फिर कुछ और. क्या यह बात जनता समझ नहीं पाई या फिर कांग्रेस के पदाधिकारी और कार्यकर्ता समझा नहीं पाए? इस पर मंथन आप सभी को करना है."
आखिरी सांस तक छिंदवाड़ा को समर्पित- कमलनाथ
पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा, "हमारे संबंध हमेशा बने रहेंगे. हम सब मिलकर फिर से कांग्रेस का झंडा उठाकर एकजुट होकर संघर्ष करेंगे और कांग्रेस को मजबूत करने का काम करेंगे. जो लोग 400 की बात करते थे, वे 250 पार नहीं कर पाए हैं. इंडिया गठबंधन के अच्छे परिणाम आए हैं और कांग्रेस की सीटें भी बहुत बड़ी हैं. इस चुनाव से हमारी भी नई शुरुआत है. मेरा और आपका 45 वर्ष पुराना अटूट संबंध है. मैं फिर कहता हूं कि मैं अंतिम सांस तक छिंदवाड़ा को समर्पित करता हूं."
छिंदवाड़ा से सचिन पाण्डेय की रिपोर्ट.
यह भी पढ़ें: क्या बन सकती है इंडिया गठबंधन की सरकार? छिंदवाड़ा हारने के बाद भी कमलनाथ का बड़ा बयान