Naman Ojha Father Arrested: मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के बैतूल (Baitul News) जिले की मुलताई पुलिस ने पूर्व क्रिकेटर  नमन ओझा (Naman Ojha)  के पिता विनय ओझा (Vinay Ojha) को एक बैंक में सवा करोड़ रुपये के गबन के मामले में गिरफ्तार किया है. आरोप है कि उन्होंने किसानों के नाम पर फर्जी क्रेडिट कार्ड बनाकर सवा करोड़ की राशि निकाली थी.  क्रिकेटर नमन ओझा  के पिता ने करीब सवा करोड़ रुपए का कथित गबन अपने साथियों के साथ महाराष्ट्र बैंक जौलखेड़ा में बतौर बैंक प्रबंधक रहने के दौरान किया था. जिससे उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं में मुलताई पुलिस थाने में साल 2013 में मामला दर्ज किया गया था. मामला दर्ज होने के बाद से वह लगातार फरार चल रहे थे. मुलताई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर सोमवार को न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी न्यायालय में पेश किया गया है.


साल 2013 में किया था सवा करोड़ का गबन
मुलताई थाना प्रभारी सुनील लाटा ने बताया कि  विनय ओझा को सवा करोड़ के गबन के एक मामले में मुलताई पुलिस ने सोमवार को  गिफ्तार कर न्यायालय में पेश किया है. अदालत ने आरोपी विनय ओझा को एक दिन की पुलिस रिमांड पर भेज दिया है. बताया गया कि बैंक आफ महाराष्ट्र की जौलखेड़ा शाखा में साल 2013 में हुए लगभग सवा करोड़ रूपये के कथित गबन के मामले में तत्कालीन मेनेजर विनय ओझा की गिरफ्तारी हुई.


तत्कालीन बैंक मैनेजर विनय ओझा पर धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में केस दर्ज है. केस दर्ज होने के बाद से विनय ओझा फरार चल रहे थे. उनकी पुलिस तलाश कर रही थी. मामले में संलिप्त आरोपियों पर धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, 34 और आईटी एक्ट की धारा 65,66 के तहत केस दर्ज था. मामले में संलिप्त सभी आरोपी पहले ही गिरफ्तार हो चुके है. पुलिस ने तत्कालीन मैनेजर विनय ओझा को गिरफ्तार कर रिमांड पर लिया है. 


ये है मामला
साल 2013 में  बैतूल जिले के ग्राम जौलखेड़ा में स्थित बैंक ऑफ महाराष्ट्र शाखा में बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम तैनाच थे. अभिषेक ने तैनाती के दौरान यह साजिश रची और उनका तबादला होने के बाद सफाई कर्मी एवं अन्य के साथ मिल कर रविवार 2 जून 2013 को लगभग 34 फर्जी खाते खुलवा कर इन पर केसीसी का लोन ट्रांसफर कर लगभग सवा करोड़ रूपये निकाल लिए. जिस समय कथित गबन हुआ तब विनय ओझा बैंक में शाखा प्रबंधक के पद पर पदस्थ थे. इसके बाद पूर्व बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, विनोद पंवार, लेखपाल निलेश छलोत्रे, दीनानाथ राठौर सहित तत्कालीन मैनेजर विनय ओझा ने कथित गबन की धनराशि आपस में बांट ली.


मुलताई पुलिस थाना प्रभारी सुनील लाटा ने बताया कि इस गबन के मामले में लगभग एक साल बाद तत्कालीन शाखा प्रबंधक रितेश चतुर्वेदी ने 19 जून 2014 को ब्रांच में हुए गबन की शिकायत मुलताई पुलिस थाने में की थी. शिकायत में बताया कि फर्जी नाम और फोटो के आधार पर किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर बैंक से राशि आहरित की गई है. तरोड़ बुजुर्ग निवासी दर्शन पिता शिवलू की मौत होने के बाद भी उसके नाम से खाता खोलकर रुपए आहरित कर लिए गए. अन्य किसानों के नाम से भी किसान क्रेडिट कार्ड बनाकर लगभग सवा करोड़ रुपए की राशि आहरित की गई थी.


शिकायत के बाद मुलताई पुलिस ने जांच के दौराान पाया था कि राशि निकालने बाद बैंक मैनेजर अभिषेक रत्नम, विनय ओझा, लेखापाल निलेश छलोत्रे, दीनानाथ राठौर सहित अन्य ने राशि आपस में बांट ली थी.  पुलिस ने अभिषेक रत्नम, विनय ओझा, निलेश छलोत्रे सहित अन्य के खिलाफ केस दर्ज किया था.


एक दिन की पुलिस रिमांड
एसडीओपी मुलताई नम्रता सोधिया ने बताया गबन के मामले में क्रिकेटर नमन ओझा के पिता विनय ओझा को गिरफ्तार करने के बाद न्यायालय में पेश किया गया. उन्हें एक दिन की पुलिस रिमांड देने का आग्रह किया गया था. इसे न्यायालय ने स्वीकार करते हुए एक दिन की पुलिस रिमांड पर सौंपा है.